
मुंबई: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) द्वारा कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के बंगले (Bunglow) के एक हिस्से को तोड़े जाने के विरुद्ध दायर एक याचिका पर बुधवार को, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (Maharashtra Human Rights Commission) ने महानगर पालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal) को 20 जनवरी को सुनवाई के दौरान आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया।
आयोग में दो दिन पहले याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि बांद्रा (Bandra) में रनौत के बंगले में की गई तोड़फोड़ उनके मानवाधिकारों का हनन था। बीएमसी ने दावा किया था कि अभिनेत्री ने बंगले में गैरकानूनी निर्माण कराया था इसलिए निकाय के अधिकारियों ने कानून सम्मत कार्रवाई की थी।
याचिकाकर्ता आदित्य मिश्रा (Aditya Mishra) ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि बीएमसी द्वारा कानून की आड़ में द्वेषपूर्ण कार्रवाई की गई थी। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का भी हवाला दिया जिसके अनुसार निजी संपत्ति के अधिकार को मानवाधिकार घोषित किया गया था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि यदि किसी की निजी संपत्ति पर राज्य या उसकी एजेंसी द्वारा की गई कार्रवाई अवैध पाई जाती है तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा, “जब बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अवैध पाया तो यह साफ हो जाता है कि यह मानवाधिकार उल्लंघन (Violation of Human Rights) का मामला है जिसमें आयोग का दखल अपेक्षित है।” आयोग ने बुधवार को याचिका स्वीकार की और महानगर पालिका आयुक्त को 20 जनवरी को सुनवाई के दौरान उपस्थित होने का आदेश दिया।