
नयी दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस (Freedom fighter Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती के वर्ष के दौरान समारोहों के आयोजन के लिए सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की। संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक यह समिति अगले साल 23 जनवरी से एक वर्ष तक 125वीं जयंती के वर्ष में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों व समारोहों की रूपरेखा तय करेगी। भारत के स्वाधीनता संग्राम में बोस की भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार ने वृहद स्तर पर उनकी जयंती मनाने का फैसला किया है।
Netaji Subhas Bose’s bravery is well-known. A scholar, soldier & statesman par excellence, we are soon to commence his 125th Jayanti celebrations. For that, a high-level committee has been formed. Come, let us mark this special occasion in a grand manner! https://t.co/kJedlpOHIU
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर कहा, “नेताजी सुभाष बोस की बहादुरी जगजाहिर है। हम इस प्रतिभाशाली विद्वान, सैनिक और महान जन नेता की 125वीं जयंती जल्द ही मनाने जा रहे हैं। इस उद्देश्य के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। आइए हम सभी इस विशेष मौके को भव्य तरीके से मनाएं।”
इस समिति में विशेषज्ञ, इतिहासकार, लेखक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्य और आजाद हिंद फौज से संबंधित प्रमुख हस्तियों को शामिल किया जाएगा। यह समिति नेताजी से संबंधित प्रमुख स्थानों मसलन दिल्ली, कोलकाता और विदेशों में भी कार्यक्रमों के आयोजन के सिलसिले में मार्गदर्शन लेगी। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में नेताजी से संबंधित धरोहरों को सुरक्षित और संरक्षित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया कि कि नेताजी को खासकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रवाद के प्रतिरूप और सम्मानित हस्ती के रूप में देखा जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी की 122वीं जयंती पर लाल किले में सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया था। बोस और आजाद हिंद फौज पर संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आईएनए से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। इसमें नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार के अलावा आईएनए से संबंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएं शामिल हैं।
विज्ञप्ति के मुताबिक कोलकाता स्थित ऐतिहासिक विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी पर एक स्थायी प्रदर्शनी के साथ ‘लाइट और साउंड शो’ करने की योजना है। वर्ष 2015 में सरकार ने नेताजी से संबंधित फाइलें सार्वजनिक करने का फैसला किया था। इसके बाद 4 दिसंबर 2015 को सरकार ने 33 फाइलें जारी की थी और फिर 23 जनवरी 2016 को फाइलों की 100 प्रतियां भी लोगों की वर्षों पुरानी मांग के मद्देनजर जारी की गई थी।
प्रधानमंत्री ने 2018 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अपने दौरे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। उन्होंने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप करने के साथ-साथ नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप करने की घोषणा की थी। (एजेंसी)