भुवनेश्वर.ओडिशा के पुरी में उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकाले जाने के एक दिन बाद पुलिस ने बुधवार को लोगों से इस धार्मिक नगरी में नहीं आने का अनुरोध किया है क्योंकि श्रद्धालुओं को देवी-देवताओं के दर्शनों की अनुमति नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभय ने कहा कि पुरी जिला प्रशासन ने कर्फ्यू जैसी पाबंदियां हटा ली हैं लेकिन कुछ इलाकों में पाबंदियां अब भी लागू हैं।
ଓଡିଶା ପୋଲିସ ଭାଇ ଭଉଣୀଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ବାର୍ତ୍ତା । pic.twitter.com/YP3F6tcsLo
— DGP, Odisha (@DGPOdisha) March 29, 2020
डीजीपी ने ट्वीट किया, ‘‘पुरी के कुछ इलाकों में कर्फ्यू को देखते हुए सभी से आज पुरी जाने से बचने का अनुरोध किया जाता है। एक बार फिर दोहराया जाता है कि श्रद्धालुओं को तीनों देवी-देवताओं के दर्शन की अनुमति नहीं है।” इस बीच पुरी के आयुक्त बलवंत सिंह ने कहा कि पुरी शहर के कुछ इलाकों को छोड़ कर जिले भर में पाबंदियों में ढील दी गई है। उन्होंने कहा कि श्री गुंडिचा मंदिर के पास जहां रथ रखे गए हैं, उस स्थान पर पाबंदियां जारी रहेंगी। अधिकारियों ने कहा कि पुरी शहर में बदसांखा से मटियापाड़ा बस अड्डे तक के मार्ग में पाबंदियां जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा जिले में कहीं कोई पाबंदी नहीं हैं।
However in view of curfew in part of Puri, all are requested to avoid going to Puri today. It is again reiterated that Darshan of Trinity for devotees is NOT allowed. https://t.co/Eu2doyYkPn
— DGP, Odisha (@DGPOdisha) June 24, 2020
प्रशासन ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए उत्सव के दौरान जिले में लोगों और वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए 22 जून को रात नौ बजे से 24 जून की दोपहर दो बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया था। पुरी के गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने एक संदेश में कहा, ‘‘आम श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में पुरी की विश्व प्रसिद्ध श्री गुंडिचा यात्रा को ‘श्रीमंदिर सेवकों’ (सेवादारों) की असाधारण ‘सेवा’, कम समय में राज्य सरकार और मंदिर प्रशासन की व्यवस्था और सभी भक्तों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।” मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने भी सेवादारों को उनकी सेवा के लिए और पुरी की जनता को उनके अनुशासन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद 12 घंटे में पुरी में रथ यात्रा का आयोजन किया गया।