नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने धनशोधन की जांच के सिलसिले में शिवसेना की सांसद भावना गवली के सहयोगी सईद खान की 3.75 करोड़ रुपये की कीमत के कार्यालय भवन को कुर्क किया है। ईडी ने कहा कि कार्यालय परिसर मुंबई के नरीमन प्वाइंट इलाके में स्थित है और इसे कुर्क किया गया है। इस बाबत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अस्थायी आदेश जारी किया गया है।
खान पर ‘महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान’ नामक ट्रस्ट के धन को गबन करने का आरोप है। उन्हें सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। खान को ट्रस्ट का निदेशक बताया जाता है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। 48 वर्षीय गवली महाराष्ट्र के यवतमाल-वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा लोकसभा सदस्य हैं। सांसद को एजेंसी ने पूछताछ के लिए तलब किया है लेकिन वह तलब किए जाने के बावजूद तीन बार एजेंसी के पास पेश नहीं हुई हैं।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांच में पाया गया कि ‘महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान’ को कंपनी में बदलने के लिए एक साजिश रची गई और धोखाधड़ी वाले तरीके अपनाए गए तथा ट्रस्ट के पैसों का गबन किया गया। उसने कहा कि यह खाता किताबों को प्रभावित करके किया गया और साथ में विभिन्न फर्जी दस्तावेज बनाए गए और ट्रस्ट के अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर किए गए। उसमें कहा गया है कि यह संपत्ति (नरीमन प्वाइंट पर) ट्रस्ट के गबन किए गए नकद पैसे से खरीदी गई है।
एजेंसी ने खान को हिरासत में लेते समय मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दावा किया था कि गवली ने लगभग 18 करोड़ रुपये के कोष के हेरफेर के लिए “जालसाजी और धोखाधड़ी” करके खान के माध्यम से एक ट्रस्ट को एक निजी कंपनी में बदलने की आपराधिक साजिश रची थी। ईडी ने अदालत को बताया था कि उसकी जांच से पता चलता है कि 18.18 करोड़ रुपये का गबन किया गया है और सात करोड़ रुपये नकदी की चोरी की गई थी।
एजेंसी ने अदालत को बताया था कि न्यास की करीब 69 करोड़ रुपये की संपत्ति को नव गठित कंपनी के नाम पर कर दिया गया था। ईडी के मुताबिक, इस कंपनी के निदेशकों में खान व शिवसेना सांसद की मां शालिनिताई गवली शामिल हैं। इन दोनों के साथ भावना गवली को भी इसी कंपनी की सदस्य बताया जाता है।
गवली के वकील ने पहले कहा था कि वह खुद इस मामले में शिकायतकर्ता रही हैं और उन्होंने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें आरोपपत्र भी दाखिल किया चुका है। ईडी के वकील ने दावा किया था कि खान ने जाली दस्तावेज बनाने और कंपनियां बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। खान के वकील ने ईडी के सारे दावों का खंडन किया था और एक राजनीति पार्टी से संबंधित होने की वजह से उन्हें निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया था। (एजेंसी)