RAM
कितनी थी 'मर्यादा पुरषोत्तम' की आयु

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नई दिल्ली: जहां एक तरफ अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश पलक पांवड़े बिछाकर इंतजार कर रहा है। हम सभी जानते हैं कि भगवान राम अपना चौदह वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद जब अयोध्या वापस लौटे तो उनकी प्रजा ने बड़े ही धूम-धाम से उनका स्वागत किया। इसके बाद भगवान राम का राजतिलक हुआ और उन्होंने अयोध्या पर एक श्रेष्ठतम राजा की तरह राज किया। 

भगवान राम के इस शासन काल को रामराज कहा जाता है और उन्हें राजाओं के राजा, जिसकी छवि आज भी हमारे मन को एक सुखद अनुभूति देती है।दोस्तों, वैसे तो राम राज्य की जितनी भी प्रशंसा हो वह कम ही लगती है लेकिन क्या आपको पता है कि इतिहास की पन्नों में सुनहरे शब्दों में लिखा राज्य कितने वर्षों तक चला। क्या आप भगवान राम की आयु जानते हैं। 

कितने साल रहा भगवान राम का शासन काल

अब अगर भगवान राम के शासन काल की बात करें तो इसको लेकर कुछ शोध भी हैं। लेकिन अगर वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण की बात करें तो, श्रीराम के शासन काल का उसमें उल्लेख मिलता है। वाल्मीकि जी की रामायण के अनुसार राम राज्य 11000 वर्षों तक चला। इसी स्वर्ण काल को रामराज्य के नाम से भी जाना जाता है। 

कैसा था ‘राम-राज्य’

दरअसल यह स्वर्ण काल का अभिप्राय अगर पौराणिक कथाओं से समझें तो राम राज्य एक ऐसा काल था जहां पूर्ण लोग पुरे निस्वार्थ भाव से प्रेम पूर्वक मिलजुल कर रहते थे। यहां समस्त नियमों का पालन होता था। ईर्ष्या की भावना से दूर-दूर तक का कोई नाता नहीं था। हालाँकि इस काल को लेकर यह माना जाता है कि, ऐसा समय  अब दोबारा आना संभव नहीं है। वह तो केवल भगवान राम के राज में ही संभव हो सकता था।

क्या थी भगवान राम की आयु

अब अगर भगवान राम ने अयोध्या पर 11000 वर्षों तक राज किया है तो इस तथ्य को लेकर मन कई तरह के प्रश्न उठते हैं।  अगर भगवान राम ने धरती पर 11000 वर्षों तक राज किया तो उनकी आयु कितनी रही होगी। इस मुद्दे पर कुछ शोधकर्ताओं ने अपने तथ्यों से भगवान राम की आयु का अंदाजा भी लगाया है। वाल्मीकि रामायण के बात करें तो और शोधकर्ता के अनुसार भगवान राम का जन्म लगभग 5114 ईसा पूर्व मे हुआ था।

महर्षी वाल्मीकि की रामायण के अनुसार, लगभग 27 वर्ष की आयु में भगवान राम ने चौदह वर्ष का वनवास शुरू किया था। इस महाग्रंथ के अनुसार रावण के साथ युद्ध के समय उनकी आयु लगभग 38 से 40 के बीच मानी जाती है। लगभग 41 वर्ष की आयु में राम जी अयोध्या लौटे और 11000 वर्षों तक जीवित रहकर ही राज्य किया, 

भगवान राम की आयु पर ‘मतैक्य’

वाल्मीकि रामायण’ में बताया गया है कि भगवान राम की आयु 11,000 वर्ष थी। इसके अलावा, ‘अथर्ववेद’ में राम की आयु 100 वर्ष बताई गई है। हालांकि, इसके अतिरिक्त, कुछ कथाओं में तो भगवान राम की आयु को इससे भी अधिक बताया गया है। उदाहरण के लिए, राम के चरित्र को लिखने वाले कल्हंड के अनुसार राम की आयु 11,000 वर्ष थी।लेकिन इनका भी सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। यह दरअसल एक अनसुलझे इतिहास की तरह है, जिसका जवाब मिलना संभव नहीं है। 

वैसे भी अगर हम समस्त युगों की धारणा पर जाएंगे, तो कभी इतिहास को तारीखों में समेत नहीं पाएंगे। फिर ऐसे में हमारे भगवान राम को कल्पित ही समझा जाएगा। इसीलिए यह जरुरी है कि हम इतिहास को इतिहास की तरह ही समझें, पढ़ें और लिखें। वैसे भी श्री तुलसी दास अपने रामचरित मानस में यह लिख गए हैं कि, “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।।”