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    नई दिल्ली:  कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार (Tuesday) को कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के कई व्यक्ति राष्ट्रपति (President) और मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने तथा ऐसे में भारत को किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह देश अनेकता में एकता की मिसाल रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब ब्रिटेन में ऋषि सुनक (Rishi Sunak) का प्रधानमंत्री पद के लिए चयन होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम और शशि थरूर ने इसकी सराहना की तथा उम्मीद जताई कि भारत भी अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों को शीर्ष पद देने की इस परंपरा का अनुसरण करेगा।

    रमेश ने संवाददाताओं से कहा, यह नौबत आ गई है कि विविधताओं को सम्मान देने के बारे में उनसे सबक लेना पड़ेगा। भारत लंबे समय से अनेकता में एकता, अनेकताओं का जश्न मनाने की मिसाल रहा है। पिछले आठ वर्षों में हमने देखा कि क्या हो रहा है।

    उन्होंने कहा, हमें किसी और देश से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। हमारी एकता अनेकता से ही मजबूत होगी। हमें अनेकताओं का सम्मान करना होगा। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में हमारा मकसद यही है।

    रमेश का कहना था, हमारे देश में जाकिर हुसैन राष्ट्रपति बने, फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति बने, एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने। बरकतुल्ला खान राजस्थान के मुख्यमंत्री बने, ए आर अंतुले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। एक सवाल के जवाब में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की सोच में जमीन-आसमान का फर्क है। वाजपेयी जी पंडित नेहरू से बहुत प्रभावित थे। एजेंसी