
औली: भारतीय सीमा (Indian border) पर चीन (China) अक्सर दखल देता रहता है। इसी बीच उत्तराखंड के औली में भरतीय और अमेरिकी सेना (ndian and American forces) युद्ध अभ्यास (war exercise) करने जा रहे हैं। ख़ास बात यह है कि यह युद्ध अभ्यास चीन बार्डर में 100 किलोमीटर से भी कम दूरी पर होगा। सेना ऊंचाई वाले इलाके में हेली-बॉर्न ऑपरेशन को अंजाम देगी।
जानकारी के अनुसार रूसी मूल के एमआई-17वी 5 हेलीकॉप्टर पर सवार भारतीय और अमेरिकी सेना के सैनिक युद्ध अभ्यास करेंगे। सेना ऊंचाई वाले इलाके में हेली-बॉर्न ऑपरेशन को अंजाम देगी। दोनों देशों के संयुक्त युद्ध अभ्यास से चीन की नींद उड़ गई है। वहीँ इससे पहले राजस्थान के जोधपुर में पकिस्तान बार्डर पर भारत-फ्रांस के युद्ध अभ्यास से पकिस्तान की नींद हराम हुई थी।
Troops of the Indian and US armies boarding the Russian-origin Mi-17V5 helicoter in Auli, Uttarakhand for the exercise Yuddh Abhyas less than 100 kms from the China border. The troops will carry out Heli-borne operations in the high-altitude area. pic.twitter.com/UHIvhzGOiA
— ANI (@ANI) November 29, 2022
बता दें कि यह स्पेशल हेली बोर्न ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। सेना के लिहाज से यह बेहद अहम ऑपरेशन होता है। इस ऑपरेशन में फौजी हेलीकॉप्टर से निश्चित जगह पर रस्सियों के सहारे उतरते हैं। 26 नवंबर, 2008 को ताज होटल में आंतकी हमले के बाद कार्रवाई इसी तकनीक से की गई थी।
जानकारों का कहना है कि 60 के दशक में स्पेशल हेली बोर्न ऑपरेशन का इस्तेमाल भारतीय फौज की ओर से शुरू किया गया। विशेषकर पूर्वोत्तर में फौजियों को पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा 1971 के युद्ध में भी यह ऑपरेशन कारगर साबित हुआ था। अब भारत-अमेरिका चीन बार्डर पर इसका अभ्यास करेंगे।