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JMM में बगावत?

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नई दिल्ली/रांची: जहां एक तरफ झारखंड (Jharkhand) के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन ने शपथ ली है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें शपथ दिलाई। वहीं चंपई के साथ कांग्रेस (Congress) के आलमगीर आलम (Alamgir Alam) और RJD के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही ऐसा भी बताया जा रहा है कि, चंपई सरकार में दो डिप्टी CM हो सकते हैं। इस शपथ ग्रहण होने के तुरंत बाद विधायकों को हैदराबाद भेजा गया है, जिनकी संख्या 36 है। चंपई सोरेन ने दावा किया है कि उनके पास फिलहाल 43 विधायकों का समर्थन है।

ये नहीं पहुंचे हैदराबाद

वहीं हैदराबाद नहीं जाने वाले महागठबंधन के विधायकों की लिस्ट में आलमगीर आलम, प्रदीप यादव, चंपई सोरेन, बसंत सोरेन, सीता सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, विनोद सिंह शामिल हैं। इनमें से आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता को फिलहाल मंत्री बनाया गया है। इसके बाद खुद प्रदीप यादव, हेमंत सोरेन के घर से लेकर सर्किट हाउस में सक्रिय दिखाई दिए हैं। वहीं, बसंत सोरेन पार्टी के स्थापना दिवस को लेकर व्यस्त हैं, जबकि सीता सोरेन राजभवन में दिखाई दीं, लेकिन लेकिन हैदराबाद नहीं गई हैं और भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह भी फिलहाल हैदराबाद नहीं गए हैं।

JMM में उभर रहा असंतोष  

दरअसल  इस समय हेमंत सोरेन जेल में हैं, जबकि रविन्द्र महतो विधानसभा के अध्यक्ष हैं। वहीं विधायक रामदास सोरेन की किडनी का ऑपरेशन हुआ है। वह इस समय दिल्ली में मौजूद हैं। इधर चमरा लिंडा का कोई भी पता नहीं है। वह पूरी तरह से गायब हैं। इसके साथ ही विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी बगावत कर दी है। उन्होंने पार्टी से नाता तोड़ने तक का ऐलान कर दिया है।  ऐसे महागठबंधन को डर सता रहा है कि कहीं BJP उनके विधायक न तोड़ ले। यही वजह है कि 36 विधायक हैदराबाद ले जाए गए हैं।

सोमवार को रांची में फ्लोर टेस्ट 

हालांकि राज्यपाल ने चंपई सोरेन को बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया है। हैदराबाद में विधायकों को जिस रिसॉर्ट में ठहराया गया है, उसकी सुरक्षा कड़ी की गई है। करीब 80 पुलिस अधिकारी यहां तैनात हैं। ताकि कोई बाहरी यहां ‘पर’ न मार सके। सूत्रों की मानें तो हर विधायक के साथ कम से कम 2 अधिकारी तैनात किए गए हैं। ये सभी विधायक यहां 2  दिन रहेंगे। सोमवार को रांची में फ्लोर टेस्ट होगा, जिसमें हिस्सा लेने के लिए विधायक हैदराबाद से सीधे रांची पहुंचेंगे। लकिन चिंता का विषय यह है कि, जो विधायक हैदराबाद नहीं पहुंचे हैं, JMM को उनके पलटने का और विधायकों के टूटने का डर सता रहा है।