नई दिल्ली: आज यानी 14 नवंबर को हर साल हमारे देश में ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ (Pandit jawaharlal nehru) का जन्मदिन मनाया जाता है। भारतीय इतिहास में पंडित जवाहरलाल नेहरू एक बहुत बड़ा नाम है। भारत को स्वतंत्रता दिलाने में पंडित नेहरू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपको बता दें कि आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ है।
बता दें कि पंडित नेहरू को बच्चे बहुत प्यारे थे। इसलिए इनके जयंती पर हमारे देश में इस दिन ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आज पंडित जवाहरलाल नेहरू के जयंती पर हम आपको उनसे जुडी कुछ खास बातें बताने जा रहे है। आइए जानते है……
- स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ।
- हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 1912 में नेहरूजी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और वे बार में बुलाए गए। 1942 के ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में नेहरूजी 9 अगस्त 1942 को बंबई में गिरफ्तार हुए और अहमदनगर जेल में रहे, जहां से 15 जून 1945 को रिहा किए गए।
- बच्चों के प्यारे ‘चाचा नेहरू’ के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू देश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाले खास पथप्रदर्शक थे।
- नेहरूजी के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थायी भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारु करना उनके मुख्य उद्देश्य रहे।
- पंडित नेहरू शुरू से ही गांधीजी से प्रभावित रहे और 1912 में कांग्रेस से जुड़े। 1920 के प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू घायल हुए और 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार हुए। उन्होंने 6 माह जेल काटी। 1935 में अलमोड़ा जेल में ‘आत्मकथा’ लिखी।
- उन्होंने कुल नौ बार जेल यात्राएं कीं। उन्होंने विश्व भ्रमण किया और अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने गए। नेहरू ने पंचशील का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 1954 में ‘भारत रत्न’ से अलंकृत हुए। नेहरूजी ने तटस्थ राष्ट्रों को संगठित किया और उनका नेतृत्व किया।
- ‘स्वाधीनता और स्वाधीनता की लड़ाई को चलाने के लिए की जाने वाली कार्रवाई का खास प्रस्ताव तो करीब-करीब एकमत से पास हो गया। खास प्रस्ताव इत्तफाक से 31 दिसंबर की आधी रात के घंटे की चोट के साथ, जबकि पिछला साल गुजरकर उसकी जगह नया साल आ रहा था, मंजूर हुआ।’
- पंडित नेहरू के निधन के बाद सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था- ‘जवाहरलाल नेहरू हमारी पीढ़ी के एक महानतम व्यक्ति थे। वे एक ऐसे अद्वितीय राजनीतिज्ञ थे जिनकी मानव-मुक्ति के प्रति सेवाएं चिरस्मरणीय रहेंगी। स्वाधीनता-संग्राम के योद्धा के रूप में वे यशस्वी थे और आधुनिक भारत के निर्माता थे।’
- आजादी के पहले गठित अंतरिम सरकार में और आजादी के बाद 1947 में भारत के प्रधानमंत्री बने और 27 मई 1964 को उनके निधन तक इस पद पर बने रहे।