VIPLAV-TRIPATHI

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    नयी दिल्ली.  जहाँ मणिपुर (Manipur ) के चुराचनपुर में बीते शनिवार को आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी (Colonel Viplav Tripathi) पहली बार अपने परिवार को आधिकारिक पोस्टिंग पर ले गए थे।  लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।  जहाँ इस घटना में उनकी पत्नी अनुजा (36) और बेटा अबीर (5) के अलावा असम राइफल्स के चार जवान भी शहीद हुए थे।  वैसे तो शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी को देशभक्ति विरासत में ही मिली थी।  

    जी हाँ आपको बता दें, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं संविधान निर्माता सभा के सदस्य रहे उनके दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी के दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ते हुए त्रिपाठी परिवार के दोनों बेटों ने सैनिक बनकर देश की सेवा करने का फैसला ही किया था।   वहीं अगर चुराचनपुर स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल त्रिपाठी काफी विनम्र अधिकारी थे और नागरिकों की हमेशा से ही मदद करते थे।  

    इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में म्यांमार के साथ सीमा के पास हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, ‘उनके बलिदान को कभी भी नहीं भुलाया जाएगा। ‘ वहीं सूत्रों की मानें तो कर्नल विप्लव त्रिपाठी एक अग्रिम कैंप में गए हुए थे।  लौटते वक्त उनके काफिले पर घात लगाकर आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया।  इस पर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के मुताबिक, ‘न्याय जरुर किया जाएगा। ‘ उन्होंने कहा कि इस इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।  त्रिपाठी परिवार वैसे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रहने वाला है।  

    इतना ही नहीं विप्लव त्रिपाठी के पिता सुभाष त्रिपाठी (76) एक वरिष्ठ पत्रकार और स्थानीय हिंदी दैनिक ‘दैनिक बयार’  के संपादक हैं और मां आशा त्रिपाठी एक सेवानिवृत्त लाइब्रेरियन हैं।  इतना ही नहीं उनके मामा राजेश पटनायक ने बताया, ‘ हमारे परिवार ने इस साल मणिपुर में दीवाली मनाई थी, जहां फिलहाल विप्लव तैनात थे।  उनके माता-पिता तो बीते 6 नवंबर को रायगढ़ लौट आए थे।  उन्होंने बताया कि उनके दादाजी ने विप्लव को सेना की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया था।  

    बाद में अपनी मेहनत से उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खडकवासला से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून में शामिल हुए।  बीते 2001 में उन्हें रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया था।  बाद में उन्होंने डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (DSSC) वेलिंग्टन से कमांड कोर्स पास किया था।