नई दिल्ली : सरकार ने लोकसभा में बुधवार को इस आरोप का विरोध किया कि वह विपक्ष को चुप कराकर विधेयक पर चर्चा का प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के उस आरोप को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने (चौधरी ने) कहा कि विपक्ष को चुप कराकर (विधेयक पर) चर्चा का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज ठीक से नहीं सुनी जा रही है। सीतारमण ने इसका पुरजोर विरोध किया।
दोनों नेताओं के बीच यह वाक् युद्ध उस वक्त हुआ जब वित्त मंत्री ने अनंतिम कर संग्रह विधेयक, 2023 सदन में पेश करने का प्रयास किया। इसपर चौधरी ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि यह विधेयक अनुच्छेद 265 का उल्लंघन करता है, जिसमें प्रावधान है कि कानून के तहत अधिकृत किसी अधिकारी को छोड़कर, किसी अन्य व्यक्ति द्वारा न तो कोई कर लगाया जाएगा या न संग्रह किया जाएगा।
चौधरी ने कहा कि ऐसा करने का एकमात्र तरीका अनुच्छेद में संशोधन करना है। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष को चुप कराकर विधेयक पर चर्चा का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा, ‘‘विपक्ष की आवाज ठीक से नहीं सुनी जा रही है।”
चौधरी की आपत्तियों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि वह अंतरिम अवधि में उत्पन्न होने वाली किसी भी संभावित अस्पष्टता (या भ्रम) को दूर करने के लिए 1931 के अधिनियम का पालन करने के अलावा कुछ नया (विधेयक) नहीं ला रही हैं।
विपक्ष की बात अनसुनी करने के चौधरी के आरोप के जवाब में उन्होंने कहा, ”किसी की आवाज को बंद करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है और निश्चित तौर पर आपकी आवाज को (तो) नहीं।”
वित्त मंत्री ने इससे पहले केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 भी पेश किया।