Wrestlers Protest
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को यहां की एक अदालत से कहा कि यौन शोषण के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ नफरती भाषण का कोई मामला नहीं बनता है।

पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका के समक्ष दायर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) में यह बात कही। न्यायमूर्ति अनामिका बृजभूषण पर ‘झूठे आरोप’ लगाने के लिए प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। पुलिस ने कहा, “शिकायतकर्ता द्वारा पेन ड्राइव में उपलब्ध कराई गई वीडियो क्लिप में कुछ अज्ञात सिख प्रदर्शनकारी दिखाई दे रहे हैं, जो जंतर-मंतर पर नारे लगा रहे हैं… (पहलवानों के खिलाफ) नफरती भाषण का कोई मामला नहीं बनता है। प्रदर्शनकारी पहलवान-बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और अन्य इस वीडियो क्लिप में कोई ऐसा नारा लगाते नहीं नजर आ रहे हैं।”

कार्रवाई रिपोर्ट में ‘अटल जन पार्टी’ का राष्ट्रीय प्रमुख होने का दावा करने वाले बम बम महाराज नौहटिया की ओर से पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया गया है। अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तारीख तय की है। सात जून को पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने अपना प्रदर्शन 15 जून तक स्थगित करने की घोषणा की थी।

सरकार द्वारा इस अवधि तक बृजभूषण के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने और महीने के अंत तक डब्ल्यूएफआई का चुनाव कराने का आश्वासन देने के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था। बैठक के बाद मलिक और पुनिया ने कहा था कि पहलवानों को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी भी वापस लिए जाने का भरोसा दिलाया गया है।

मजिस्ट्रेट अदालत ने अधिवक्त ए पी सिंह के माध्यम से दाखिल याचिका पर दिल्ली पुलिस से 25 मई को कार्रवाई रिपोर्ट तलब की थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि प्रतिवादियों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी प्रभाव या व्यक्तिगत लाभ के लालच से प्रेरित हैं।” उसने कहा है, “इसलिए डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करना आवश्यक है।”

शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि बृजभूषण पर लगाए गए आरोप गलत और “व्यावहारिक रूप से मानने योग्य नहीं हैं, क्योंकि आरोपी जाने-माने पहलवान हैं, जो अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी खेलते हैं और इनमें से कोई भी कथित अपराध का विरोध करने के लिए शारीरिक रूप से कमजोर या अक्षम नहीं है। इसलिए, यह विश्वास करना मुश्किल है कि 66 साल के एक शख्स ने उन्हें प्रताड़ित किया।”

शिकायकर्ता ने कहा है कि पहलवानों द्वारा जंतर-मंतर पर धरना देने के पीछे का मकसद वांछित कार्रवाई के लिए पुलिस और अदालत में गैर-जरूरी दबाव बनाना है। उसने दावा किया है कि प्रतिवादियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रदर्शन के दौरान मोदी-विरोधी नारे भी लगाए। शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में दिल्ली पुलिस को पहलवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।