Parliament Security Breach, men jumped into Lok Sabha with smoke cracker, Loksabha, Parliament
संसद का निम्न सदन

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नई दिल्ली : संसद की सुरक्षा में चूक (Parliament Security Breach) के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बयान और सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग पर मंगलवार को लोकसभा व राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया, जिस वजह से उच्च सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्सभा में सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और फिर शून्य काल आरंभ कराने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले अपने-अपने मुद्दे उठाना चाह रहे थे। हालांकि सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस दौरान सदन में मौजूद कुछ विपक्षी सदस्य ‘गृह मंत्री सदन में आओ, सदन में आकर जवाब दो’ जैसे नारे लगा रहे थे।

कुछ विपक्षी सदस्य अपने साथियों का निलंबन वापस लेने की भी मांग कर रहे थे। सभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और कार्यवाही का संचालन सुचारू रूप से होने देने का अनुरोध किया। हंगामे और शोरगुल के बीच उन्होंने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल चार नोटिस मिले हैं जो स्वीकार किए जाने योग्य नहीं हैं। सदस्यों का शोरगुल जारी रहने पर धनखड़ ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 

संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की मांग पर विपक्ष के अड़े रहने के बाद सोमवार को लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। सोमवार की कार्रवाई के बाद इस मुद्दे पर पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) सदस्य संजय सिंह को 24 जुलाई को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। 

हीं संसद की सुरक्षा में चूक एवं विभिन्न दलों के सांसदों को निलंबित किये जाने के खिलाफ लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के पांच मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी, लेकिन कुछ विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के निकट पहुंच गये। आसन के पास पहुंचने वाले प्रमुख सांसदों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला शामिल थे।

अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी-अपनी सीट पर जाने और कार्यवाही में हिस्सा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन आपका है और सदन को चलाने के लिए आपने एक व्यवस्था बनाई है। मेरा अनुरोध है कि आप मुद्दों पर चर्चा करें, लेकिन ये तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है।”

उन्होंने कहा कि यह सदन नियम, परम्परा और परिपाटी से चलेगा और सभी सदस्यों ने तख्तियां न लाने को लेकर सहमति जताई थी। बिरला ने कहा कि सदन तख्तियां लेकर आने से नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि असहमति व्यक्त करना सदस्यों का अधिकार है, लेकिन आग्रह है कि वे मर्यादा का पालन करें। उन्होंने कहा कि सदस्यों को अंतिम चेतावनी दी जा रही है कि वे तख्तियां लेकर आसन के पास न आएं और अपनी-अपनी सीट पर जाएं। 

इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में प्रधानमंत्री की ‘छेड़छाड़ करके बनाई गई’ तस्वीर लेकर आने की जानकारी अध्यक्ष को दी और ऐसा करने वाले सदस्य के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।  जोशी ने नारेबाजी के बीच ही कहा कि यह निंदनीय है और ऐसा करके सदस्य प्रधानमंत्री का अपमान कर रहे हैं।   

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जनता ने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के नेतृत्व को स्वीकारा है। ये (विपक्षी सदस्य) जो कर रहे हैं यह सदन इसकी निंदा करता है। जो ऐसे फोटो लाये हैं, उनके खिलाफ कार्रवई की जानी चाहिए।”  

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के दौरान कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य सुप्रिया सुले विपक्ष की ओर की पहली पंक्ति में बैठी नजर आईं, जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दूसरी पंक्ति में दिखाई दिये। हंगामा थमता हुआ नहीं देख अध्यक्ष ने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।  

-एजेंसी इनपुट के साथ