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    श्रीनगर: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में आज भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के श्रीनगर में एक विशाल रैली के साथ खत्म होने जा रही है। भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra)  के दौरान  उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने मुझे सिखाया, और गांधी जी ने मुझे निर्भय होकर जीना सिखाया, नहीं तो यह जीना नहीं है। लेकिन जैसा मैंने सोचा था वैसा ही हुआ। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे ग्रेनेड नहीं बल्कि प्यार दिया। 

    उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने मुझसे कश्मीर जाने के लिए वाहन से जाने को कहा था न कि पैदल जाने को। 3-4 दिन पहले एडमिन ने मुझसे कहा कि अगर मैं पैदल जाऊंगा तो मुझ पर ग्रेनेड फेंका जाएगा…मैंने सोचा कि जो लोग मुझसे नफरत करते हैं, उन्हें मेरी सफेद टी-शर्ट का रंग बदलकर लाल करने का मौका दिया जाए। 

    भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनके टी- शर्ट को लेकर काफी चर्चा हुई। वह हमेशा सफेद टी- शर्ट में ही नजर आए। फिर चाहे कितनी भी ठंडी क्यों न हो। भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम दिन आखिरकार उन्होंने टी- शर्ट को लेकर वह बात बताई जिसे हम आदमी जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि चार बच्चे मेरे पास आए। वे भिखारी थे और उनके पास कपड़े नहीं थे…मैंने उन्हें गले लगाया…वे ठंड से कांप रहे थे। शायद उनके पास खाना नहीं था। मैंने सोचा कि अगर वे जैकेट या स्वेटर नहीं पहने हैं तो  मुझे भी वह नहीं पहनना चाहिए।

    राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बहुत कुछ सीखा। एक दिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने सोचा कि मुझे 6-7 घंटे और चलना होगा और यह मुश्किल होगा। लेकिन एक युवती दौड़ती हुई मेरे पास आई और बोली कि उसने मेरे लिए कुछ लिखा है। उसने मुझे गले लगाया और भाग गई। मैंने इसे पढ़ना शुरू किया उसने लिखा, “मैं देख सकती हूं कि आपके घुटने में दर्द हो रहा है क्योंकि जब आप उस पैर पर दबाव डालते हैं, तो यह आपके चेहरे पर दिखता है। मैं आपके साथ नहीं चल सकती लेकिन मैं दिल से आपके साथ चल रही हूं क्योंकि मुझे पता है कि आप चल रहे हैं।” मेरे और मेरे भविष्य के लिए। ठीक उसी क्षण, मेरा दर्द गायब हो गया।