फोटो: एएनआई
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    नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) द्वारा राष्ट्रपति चुनाव (President Election) में एनडीए (NDA) के खिलाफ एक संयुक्त उम्मीदवार को खड़ा करने पर आम सहमति बनाने के लिए बुलाई गई थी। इस महत्वपूर्ण बैठक में 17 दलों के नेता उपस्थित रहे।

    जिनमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राकांपा, द्रमुक, राजद, शिवसेना, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले), नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), आरएसपी, आईयूएमएल, रालोद, झामुमो और वाम दलों के नेता बैठक में शामिल हुए थे। जबकि, AAP, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और ओडिशा के सत्तारूढ़ बीजद इसमें शामिल नहीं हुए। 

    आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का प्रस्ताव पारित

    इस बीच, विपक्षी नेताओं ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों में एक आम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का प्रस्ताव पारित किया है। सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, “एक उम्मीदवार जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है।”

    ममता बनर्जी ने कहा, “कई दल आज यहां थे। हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे। हर कोई इस उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा। हम दूसरों के साथ परामर्श करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है। हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे हैं, और हम करेंगे यह फिर से।”

    गोपाल कृष्ण गांधी, फारूक अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव

    खबरों के मुताबिक, शरद पवार द्वारा प्रस्ताव ठुकराने के बाद ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति पद के लिए गोपाल कृष्ण गांधी, फारूक अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा है। इस बात पर ठोस रणनीति बनाने और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर मोहरलगाने के लिए एक सप्ताह के अंदर विपक्षी दलों की एक बार फिर बैठक होगी।