
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला। मंगलवार को कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।” इसी के साथ कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को धन्यवाद भी कहा। वहीं जब पत्रकारों ने राहुल से उनके ट्वीट को लेकर सवाल किया तो वह झल्ला गए और पत्रकार को सरकार का दलाल बता दिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
दरअसल, मंगलवार को राहुल गांधी तमाम विपक्षी दलों के नेताओं के साथ संसद भवन परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान एक पत्रकार ने उनसे लॉन्चिंग को लेकर सवाल किया। पत्रकार का सवाल करते ही राहुल झल्ला गए और पत्रकार को चुप करते हुए कहा कि, “यहां सरकार की दलाली मत करो, पत्रकार हो।” कांग्रेस नेता ने जब पत्रकार को दलाल कहा तो वहां मौजूद संजय राऊत समेत तमाम विपक्षी दल हस रहे थे।
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi responds when asked about his today's tweet on 'lynching'. pic.twitter.com/UUxi3bpSOa
— ANI (@ANI) December 21, 2021
1984 का नरसंहार सबसे बड़ा लॉन्चिंग
राहुल के वार पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी हमला बोला है। ठाकुर ने कहा, “‘लिंचिंग’ का सबसे बड़ा उदाहरण 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद हुई घटनाएं हैं।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पत्रकार को दलाल बोलने पर केंद्रीय मंत्री ने हमला करते हुए कहा, ‘लिंचिंग’ पर आज मीडिया के एक सवाल का राहुल गांधी का जवाब, हमें आपातकाल के युग की याद दिलाता है।”
राजीव गांधी लिंचिंग के जनक
इसके पहले भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “मिलिए राजीव गांधी से, मॉब लिंचिंग के जनक, सिखों के खून से लथपथ जनसंहार को सही ठहराते हुए। कांग्रेस ने सड़कों पर उतरे, खून का बदला खून से लेंगे जैसे नारे लगाए, महिलाओं के साथ बलात्कार किया, सिख पुरुषों के गले में जलते टायर लपेटे, जबकि कुत्तों को नालों में फेंके गए जले हुए शवों पर ले जाया गया।”
मालवीय ने लगतार कई ट्वीट कर राहुल पर हमला बोला। मालवीय ने लिखा, “अहमदाबाद (1969), जलगाँव (1970), मुरादाबाद (1980), नेल्ली (1983), भिवंडी (1984), दिल्ली (1984), अहमदाबाद (1985), भागलपुर (1989), हैदराबाद (1990), कानपुर (1992), मुंबई (1993)…यह तो बस एक छोटी सी सूची है जिसमें नेहरू-गांधी परिवार की निगरानी में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।”