Wholesale inflation rises to 1.48 percent in October, eight-month high
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नई दिल्ली: खाने का सामान सस्ता होने से अप्रैल महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 18 महीनों के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गयी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई। यह लगातार दूसरा महीना है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में है। आरबीआई को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।

आंकड़ों के अनुसार सीपीआई-आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मार्च में 5.66 प्रतिशत तथा एक साल पहले अप्रैल महीने में 7.79 प्रतिशत थी।  अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर 2021 के बाद सबसे निचले स्तर पर है। उस समय यह 4.48 प्रतिशत रही थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अप्रैल में 3.84 प्रतिशत रही जो मार्च में 4.79 प्रतिशत थी। एक साल पहले अप्रैल महीने में 8.31 प्रतिशत थी।

अनाज, दूध और फल आदि की कीमतें बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर इस साल फरवरी में 6.4 प्रतिशत पर आ गयी थी।    रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।