
नयी दिल्ली. दिल्ली पुलिस को श्रद्धा वालकर हत्या मामले में आफताब पूनावाला की नार्को टेस्ट रिपोर्ट यहां फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) से शुक्रवार को मिलने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार नार्को टेस्ट रिपोर्ट तैयार है और जांच अधिकारियों को इन्हें आकर ले जाने के लिए कहा गया है।
आफताब का नार्को टेस्ट एक दिसंबर को रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में किया गया था। टेस्ट से पहले आफताब का ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, शरीर का तापमान और दिल की धड़कन की जांच के लिए सामान्य जांच की गई थी। उसने नार्को टेस्ट के लिए सहमत एक सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए, जिसके बाद उसे एनेस्थीसिया दिया गया और उसका नार्को टेस्ट किया गया।
नार्को टेस्ट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के अधिकारियों की एक टीम द्वारा किया गया था जिसमें एक फोटो विशेषज्ञ, फोरेंसिक मनोविज्ञान विशेषज्ञ और फोरेंसिक मेडिसिन के एक डॉक्टर और नोडल अधिकारी, नार्को, अंबेडकर अस्पताल शामिल थे।
Shraddha murder case | Delhi Police has obtained accused Aftab Poonawala's narco report from Forensic Science Laboratory (FSL)
— ANI (@ANI) December 23, 2022
आफताब का नार्को टेस्ट एक दिसंबर की रात 11 बजकर 45 मिनट तक खत्म हो गया था जिसके बाद उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया और मनोवैज्ञानिक उपचार दिया गया। जबकि, 2 दिसंबर को एफएसएल की चार सदस्यीय टीम ने आफताब का ‘पोस्ट टेस्ट इंटरव्यू’ किया।
पोस्ट टेस्ट इंटरव्यू के दौरान टीम ने उसके पॉलीग्राफ और नार्को परीक्षणों में दिए गए उत्तरों का विस्तृत विश्लेषण किया। सूत्रों ने कहा कि किसी भी तरह के झूठ की संभावना को खत्म करने के लिए जवाबों पर भी उससे सवाल-जवाब किए गए। टेस्ट के दौरान आफताब ने कबूल किया कि उसने श्रद्धा की हत्या की और उसके शरीर के अंगों को शहर के वन क्षेत्रों में ठिकाने लगा दिया।
जांच अधिकारियों ने कहा था कि पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को विश्लेषण टेस्ट तथा पुलिस पूछताछ के दौरान आफताब ने जो बयान दिए थे, वे सभी एक ही है। पुलिस अब तक वालकर का मोबाइल फोन नहीं ढूंढ पाई है जिसे आरोपी ने कहीं और फेंक दिया था।
पुलिस ने कहा कि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट के अनुसार पूनावाला के घर से जो खून के नमूने मिले थे, वे वालकर के थे। जांच के दौरान पुलिस ने पूनावाला के महरौली स्थित फ्लैट से ये खून के नमूने लिए थे और जांच के लिए भेजा था। 15 दिसंबर को पुलिस ने कहा था कि वन क्षेत्र में मिली हड्डियों से लिए गए डीएनए नमूने और जिस घर में वालकर की हत्या की गई वहां से मिले खून के नमूने वालकर के पिता के नमूनों से मेल खाते हैं।
अपनी लिव इन पार्टनर वालकर की हत्या करने के आरोप में पूनावाला की गिरफ्तारी के करीब एक महीने बाद ये सबूत मिले हैं। वालकर के शव के टुकड़ों की तलाश के दौरान पुलिस को महरौली के जंगल और आस पास के इलाकों से हड्डियों के 13 टुकड़े मिले हैं। वालकर (27) की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या करने के बाद पूनावाला ने उसके शव के 35 टुकड़े किए और उन्हें दिल्ली में विभिन्न जगहों पर फेंक दिया। झूठ पकड़ने के लिए किए गए, पूनावाला के पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट को भी एफएसएल ने पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार डीएनए सबूत पूरे मामले में एक अहम साक्ष्य साबित होंगे।
एक सूत्र ने कहा, “डीएनए रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि यह श्रद्धा वालकर ही थी जिसकी हत्या हुई है। हमने घटना प्रकाश में आने के बाद उसके पिता और भाई से नमूने लिए।”
पूनावाला तिहाड़ जेल में बंद है और उसके अनुरोध पर उसे पॉल थेरॉक्स की किताब ‘द ग्रेट रेलवे बाजार’ दी गई है। अदालत ने उसे 26 नवंबर को 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। शुक्रवार को अदालत ने पूनावाला की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ाते हुए 23 दिसंबर तक कर दिया था।
वहीं, अब आज यानी 23 दिसंबर को यहां की एक अदालत ने आफताब पूनावाला की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन के लिए बढ़ा दी। पूनावाला को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ ने पूनावाला की न्यायिक हिरासत छह जनवरी तक बढ़ा दी। वो तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 के सेल नंबर 15 में बंद है। जेल प्रशासन ने बताया कि आफताब के साथ चोरी के एक मामले के दो विचाराधीन आरोपियों को एक ही सेल में रखा गया है और आफताब पर नजर रखने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि 18 मई को कथित रूप से वालकर का गला घोंटने के बाद पूनावाला ने उसके शरीर के 35 टुकड़े किए और उन्हें लगभग तीन सप्ताह तक अपने आवास पर 300 लीटर के रेफ्रिजरेटर में रखा, जिन्हें उसने कई दिनों में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ठिकाने लगाया। (एजेंसी इनपुट के साथ)