नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले (Skill Development Corporation Scam ) में तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और राज्य सरकार का पक्ष रख रहे मुकुल रोहतगी की दलीलों पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से कथित रूप से धन का गबन करने के मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिससे सरकारी खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया।
सीआईडी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में आरोप लगाया कि नायडू ‘‘धोखाधड़ी से धन का दुरुपयोग करने या सरकारी धन का अपने लिये इस्तेमाल करने, लोक सेवक के नियंत्रण वाली संपत्ति के निपटारे के अलावा धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज बनाने और सबूत नष्ट करने की साजिश रचने में संलिप्त थे।” आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 22 सितंबर को नायडू की याचिका को खारिज कर दिया था।
(एजेंसी)