नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों में जाति-आधारित सर्वेक्षण से संबंधित याचिका पर बिहार (Bihar) की नीतीश सरकार को नोटिस जारी किया है। वहीं इस मामले को सुनवाई के लिए आगामी जनवरी 2024 के लिए सूचीबद्ध किया है।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों के प्रकाशन से पैदा हुए मुद्दे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
Supreme Court says – “We are not staying at this point”
SC also says – “We cannot stop the state govt or any govt from taking a decision. That would be wrong”
SC says – Will consider any issue with regards to data of caste-based survey
— ANI (@ANI) October 6, 2023
बिहार जाति आधारित गणना रिपोर्ट जारी
जानकारी दें कि, बिहार में हुई जाति आधारित गणना (Bihar Caste Based Survey) की रिपोर्ट बीते सोमवार यानी 2 अक्टूबर को जारी कर दी गई हैं। वहीं बिहार में हुई इस जाति आधारित गणना की रिपोर्ट की मानें तो प्रदेश में पिछड़ा वर्ग 27.13% है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01% और सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से भी अधिक है।
किस लिए हुई थी ये गणना?
दरअसल बिहार सरकार की ओर से राज्य में फिलहाल जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए यह जाति जनगणना कराई गई है। इस बाबत नीतीश सरकार का कहना है कि, इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी।