samosa History

    Loading

    नई दिल्ली : भारत (India) में अगर कोई समोसे (Samosa) का नाम भी ले ले तो लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। यहां हर शहर हर गांव में आपको अलग-अलग तरह के समोसे और उसके बदले स्वाद मिलेंगे। समोसा लोगों के पसंदीदा आइटमों में से एक है, लेकिन जिसे इतने चाव से खाते हैं। क्या आपको उसके इतिहास (History of Samosa) के बारे में पता है। या फिर आपने कभी ये सोचा है कि आखिर समोसे में आलू ही क्यों और कुछ क्यों नहीं? तो चलिए हम आपको बताते हैं। 

    2000 साल पहले आया था समोसा 

    माना जाता है कि समोसा शब्‍द फारसी भाषा के ‘संबोसाग’ से बना हुआ है। सालों पहले जब गजनवी साम्राज्य के शाही दरबार में मीट कीमा और सुखा मेवा भरकर एक नमकीन पेस्ट्री परोसी जाती थी। लगभग 2 हजार साल पहले उसी समय समोसा भारत आया था। क्योंकी उसी दौरान आर्य भारत आए थे। 

    ऐसे आया समोसे में आलू 

    भारत में आलू की खेती ज्यादा होती है। माना जाता है कि 16वीं सदी के आसपास जब आलू की खेती बढ़ी तो उस दौरान समोसे में धीरे-धीरे आलू का इस्‍तेमाल होना शुरू हो गया। फिर इसके साथ ही भारतीय लोगों ने इसमें अपने स्वाद के मुताबिक धनिया, काली मिर्च, अदरक, नमक और जीरा के साथ सभी चीजें स्वाद (Indian Test) के हिसाब से डालने लगे। जिसके बाद इंडियन समोसा का अविष्कार हो गया। 

    हर जगह मिलते हैं अलग समोसे 

    गौरतलब है कि भारत में लोग अपने-अपने स्वाद के हिसाब से समोसे में सामग्री डालकर बनाते हैं।  इसलिए आपको भारत के हर शहर यहां तक की गांव-गांव में भी आपको समोसे के बदले-बदले स्वाद मिलेंगे। जो उस जगह की खासियत बताता हैं लोग इसे बहुत ही चाव के साथ खाते हैं।