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    -सीमा कुमारी

    भारतीय रसोइयों में दाल और सब्जियों में तड़के के लिए पंचफोरन (Panch Phoron) का इस्तेमाल किया जाता है। यह मसाला 5 अलग-अलग तरह की चीजों से तैयार किए जाने वाला मसालों का एक मिश्रण है। यह खुशबूदार मसालों का मिश्रण न केवल आपकी डिशेज की लज्जत व जायकेदार बढ़ाता है बल्कि, इसके सेवन से सेहत को कई तरह के लाभ होते हैं। आइए जानें पंचफोरन का मसाला क्या है और इसे खाने से सेहत को क्या फायदे मिलते हैं।

    एक्सपर्ट्स के अनुसार, पंच फोरन में मिलाया जाने वाले कलौंजी के दाने (Nigella seeds) आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज (Ayurvedic treatments) के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। कलौंजी के दाने मौसम बदलने के साथ होने वाली बीमारियों और इंफेक्शन से राहत दिलाने वाला फूड बताया जाता है।

    मौसम में आने वाले बदलाव के कारण अक्सर सर्दी-खांसी, सिरदर्द, अस्थमा जैसी समस्याएं होती हैं जिनसे राहत दिलाने का काम कर सकते हैं कलौंजी के बीज। साथ ही यह पीलिया (jaundice) और कॉन्स्टिपेशन (constipation) जैसी समस्याओं से भी आराम मिल सकता है।

    पंचफोरन मसाला बनाने में जीरे का भी इस्तेमाल किया जाता है। जीरे में उचित मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा पंचफोरन में मेथी दाने का इस्तेमाल किया जाता है। मेथी और जीरा दोनों ही वजन घटाने में काफी मददगार साबित होता है। नियमित तौर पर पंचफोरन का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में भी मदद मिलती है।

    एक्सपर्ट्स का मानना है कि, सौंफ या सौंफ के बीज का सेवन करना एक नेचुरल तरीका है। मोटापे या फिर वजन कम करने के लिए यह बेहद कारगर है। वजन कम करने के अलावा सौंफ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के खतरे को कम करता है। साथ ही, सौंफ सांसों की बदबू को खत्म करने में मदद करता है और मसूड़ों की सेहत के लिए अच्छा होता है। वजन कम करने के लिए सुबह-सुबह सौंफ के पानी का सेवन कर सकते हैं, इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।