The eyesight of 4 children will end after some time, the parents decided to show the whole world
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    -सीमा कुमारी

    हर माता-पिता की दिली ख़्वाहिश होती है कि उनके बच्चे जीवन में सफल होकर दुनिया में नाम रोशन करें। इसलिए हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा और परवरिश (Upbringing) देना चाहते हैं। इसके लिए वो हर सम्भव कोशिश करते हैं कि उनका बच्चा बड़ा होकर बेहतर इंसान बने और उसका भविष्य सुरक्षित हो। ऐसे में वो बच्चे को हर दिन कुछ न कुछ सिखाते हैं, क्योंकि बड़े होने पर बचपन (Childhood) की बातें और चीजें उनकी परवरिश में नजर आती हैं। ऐसे में आइए जानें उन महत्वपूर्ण बातों के बारे में –

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चे अक्सर चीजों को हासिल करने के लिए जिद्द और गुस्से का सहारा लेते हैं। लेकिन, पेरेंट्स होने के नाते उसे सही और गलत की पहचान करवाएं। उन्हें जीवन में शांत और धैर्य में रहने की सीख दें। उन्हें समझाएं कि गुस्से और जल्दबाजी में किया गया काम हमेशा गलत होता है। इसके विपरित वे धैर्य को अपनाएं।

    कई बच्चे गलतियां करने के बावजूद ‘सॉरी’ बोलना नहीं चाहते, फिर चाहें उनकी गलती कितनी भी बड़ी क्यों न हो। वो ‘सॉरी’ बोलने में खुद को छोटा महसूस करते हैं। लेकिन, उनको समझाएं कि अपनी छोटी सी गलती के लिए भी ‘सॉरी’ (sorry) बोलना चाहिए। इससे उनकी इमेज बिगड़ेगी नहीं बल्कि बेहतर होगी।

    बच्चों को बचपन से ही ‘प्लीज’ (please) बोलना सिखाएं। उनको बताएं कि जब भी किसी से कुछ पूछना हो या कहना हो तो ‘प्लीज’ शब्द का इस्तेमाल जरूर करें। इससे उनकी छवि ही नहीं बल्कि आपकी छवि भी निखरती जाएगी।

    बच्चों को ‘एक्सक्यूज़ मी’ बोलने की आदत भी डालें। उनको सिखाएं कि जब भी उनको किसी से कुछ कहना हो या किसी का ध्यान अपनी ओर खींचना हो, तो ‘एक्सक्यूज़ मी’ (excuse me) का इस्तेमाल करें। इससे सामने वाले पर अच्छा इम्प्रेशन पड़ता है।

    एक्सपर्ट्स बताते हैं कि, अगर आप बच्चे की हर छोटी-बड़ी मांग जल्दी पूरी कर देते हैं, तो ऐसा बिल्कुल ना करें। असल में, आसानी से हर चीज मिलने से वे चीजों की अहमियत नहीं समझेंगे। साथ ही भविष्य में वे मेहनत करने से कतराएंगे। इसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें चीजों को पाने के लिए मेहनत करने के लिए कहें।

    बच्चों को बचपन से ही परमीशन लेने की आदत डालें। उनको बताएं कि कहीं जाने और कोई काम करने के लिए जिस तरह माता-पिता की परमीशन जरूरी है, उसी तरह से किसी का सामान छूने या इस्तेमाल करने के लिए उसकी अनुमति लेना जरूरी है। इससे केवल बच्चे की ही नहीं बल्कि आपकी अपब्रिंगिंग की सराहना भी की जाएगी।

    बच्चों को छोटी-छोटी’ बात के लिए ‘थैंक यू बोलना सिखाएं। उनको समझाएं कि जब भी किसी से मदद या कोई चीज लें, तो इसके लिए ‘थैंक यू’ (thank you) जरूर बोलें। फिर चाहें सामने वाला आपसे उम्र और हैसियत में कम ही क्यों न हो।