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    -सीमा कुमारी

    सनातन हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है। इन दिनों के हिसाब से ही व्रत भी रखे जाते हैं। हर व्रत का अपना-अलग ही महत्व और  लाभ हैं। इसी तरह गुरुवार के व्रत का भी अपने आप में ख़ास महत्व है।

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, इस दिन जातक भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का व्रत कर उनकी प्रसन्नता के पात्र बन सकते हैं। अगर आप पहली बार ‘गुरुवार व्रत’ करने की सोच रहे हैं और असमंजस में हैं कि कैसे आपको व्रत की शुरुआत करनी है, कब करना सही होगा ? तो, इन सभी सवालों के जवाब आपको यहां मिल जाएंगे, जिससे आप अपने व्रत को विधिपूर्वक शुरू कर सकते हैं। आइए जानें इस बारे में –

    अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत रख रहे हैं, तो इसकी शुरुआत पौष महीने के गुरुवार से करना शुभ माना जाता है। इस दिन पुष्य नक्षत्र पड़े तो यह व्रत की शुरुआत के लिए काफी लाभकारी सिद्ध माना जाता है। इतना ही नहीं, किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. इस व्रत को आप 16 गुरुवार रखना होगा।

    विधि

    • सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान करें. पूजा घर या केले के पेड़ की नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो रखकर उन्हें प्रणाम करें।
    • नया पीला वस्त्र भगवान को अर्पित करें। हाथ में चावल और पवित्र जल लेकर व्रत का संकल्प लें।
    • कलश में पानी और हल्दी डालकर पूजा स्थान पर रखें। भगवान को गुड़ और धुली चने की दाल का भोग लगाएं। ‘गुरुवार व्रत’ की कथा का पाठ करें। इसके बाद आरती करें।
    • भगवान को प्रणाम करें और हल्दी वाला पानी केले की जड़ या किसी अन्य पौधे की जड़ों में डालें।
    • गुरुवार के व्रत को लेकर ग्रंथों में उल्लेख है कि, अगर व्रत के दिन नियमों का पालन नहीं किया जाए, तो भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं। भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना पीले रंग के वस्त्र धारण करने के बाद ही करें, क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है।
    • मान्यता है कि, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा कर गुड़, चने की दाल, केला और पीला कपड़ा भगवान के चरणों में अर्पित करने के बाद ज़रूरतमंदों को दान करें। ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही आपके ऊपर उनकी कृपा दृष्टि बनी रहती है।
    • गुरुवार का व्रत रखने वाले व्यक्ति ध्यान रखें कि व्रत वाले दिन उन्हें केला खाने से बचना चाहिए। मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इस दिन केले के पेड़ पर जल अर्पित करें। व्रत कर रहे जातक को उस दिन भोजन भी पीला ही ग्रहण करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इस दिन भूलकर भी काली दाल की खिचड़ी और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे धन हानि होती है।