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Karwa Chauth 2023

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: पति- पत्नी के बीच अटूट विश्वास का पावन व्रत ‘करवा चौथ’ (karwa chauth 2023) इस साल 1 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और जन्म- जन्मांतर तक उन्हें अपने पति के रूप में पाने के लिए करती है।

पति-पत्नी के अटूट बंधन का ये व्रत हर विवाहित नारी के मन को एक सुखद अनुभूति का एहसास दिलाता है। करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं पूरा दिन बिना अन्न और जल के रहती हैं। व्रती महिलाएं रात में चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। इस व्रत में चंद्रमा की पूजा के अलावा करवा माता, भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और कार्तिकेय जी की उपासना की जाती है। करवा चौथ का व्रत करवा और इन पूजा सामग्री के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं तो पूजा में इन चीजों को जरूर शामिल करें। आइए जानें इन चीजों के बारे में-

करवा चौथ की पूजन सामग्री

मिट्टी या तांबे का करवा

ढक्कन  

सींक  

फूल माला

करवा चौथ की थाली  

छलनी

व्रत कथा पुस्तक

पान

कलश

चंदन  

हल्दी

चावल

मिठाई

कच्चा दूध

दही  

देसी घी

शहद

शक्कर का बूरा

रोली

कुमकुम

मौली

अक्षत

आटे की लोई

थोड़े से चावल

बिछिया या पायल

8 पूरियों को अठावरी

करवा चौथ में मिट्टी या पीतल का करवा प्रयोग होता है, इसे भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही करवा की टोटी को सुंड माना जाता है। जिसमें जल भरकर चंद्रदेव को अर्घ्य देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसी टोंटी में कांस की सींक को लगाया जाता है, जो शक्ति का प्रतीक है।

करवा चौथ की पूजा चांद को देखे बिना पूरी नहीं मानी जाती है। इस व्रत में चांद की पूजा का विशेष महत्व है। चांद के निकलने के बाद और अर्घ्य देने के बाद ही करवा चौथ व्रत का पारण किया जाता है। चांद की पूजा के बाद व्रती महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। इस बार करवा चौथ का चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 15 मिनट का बताया जा रहा है। वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।