आ गया ‘महालक्ष्मी व्रत’, जानिए 16 दिनों के इस व्रत की अपार महिमा

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: धन, वैभव, ऐश्वर्य  की देवी  ‘मां लक्ष्मी’ को समर्पित ‘महालक्ष्मी व्रत’ (Mahalaxmi Vrat) इस वर्ष 3 सितंंबर, शनिवार से आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 17 सितंबर अगले शनिवार को होगा। इस व्रत की शुरुआत भादो महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से हो जाती है। इस दिन से धन की देवी लक्ष्मी जी का पावन पर्व 16 दिन तक मनाया जाता है।

    मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं 16 दिन तक व्रत रखकर विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करती हैं। कहते हैं, देवी महालक्ष्मी जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसके वारे न्यारे हो जाते है। महालक्ष्मी की कृपा से धन के भंडार कभी खाली नहीं रहते हैं। आइए जानें कब से है ‘महालक्ष्मी व्रत’ का आरंभ, मुहूर्त और इसकी महिमा –

    शुभ मुहूर्त  

    भाद्रपद शुक्ल की अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 3 सितंबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर होगा । वहीं  भादो शुक्ल की अष्टमी तिथि 4 सितम्बर 2022, सुबह 10 बजकर 39 पर समाप्त हो जाएगी । उद्या तिथी की द्दष्टि से महालक्ष्मी व्रत 4 सितंबर को रखा जाएगा ।

    व्रत-विधि

    यदि आप महालक्ष्मी व्रत रखना चाहते हैं, तो आज से 16 दिनों तक फलाहार करते हुए माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। प्रत्येक दिन प्रात: और संध्या के समय में माता लक्ष्मी की पूजा और आरती करें। 16वें दिन हवन और पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। हालांकि आप 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखने में असमर्थ हैं, तो पहले दिन और अंतिम दिन का व्रत रख सकते हैं। आज एक दिन का महालक्ष्मी व्रत रखते हैं तो कल सुबह पारण कर व्रत को पूरा करें।

    महिमा

    हिन्दू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का बड़ा महत्व हैं। महालक्ष्मी व्रत करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा से परिवार में धन, ऐश्वर्य, समृद्धि और संपदा की प्राप्ति होती है। संतान की कामना करने वाले भी मां लक्ष्मी के आशीष से अपनी इच्छा को पूर्ण करते हैं। महालक्ष्मी की कृपा से ऋण खत्म होता है, दरिद्रता का नाश होता है और दुख दूर होते हैं।