सीमा कुमारी
हर साल मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि को ‘मोक्षदा एकादशी’ (Mokshada Ekadashi) मनाई जाती है। इस वर्ष यह एकादशी आज यानी 3 दिसंबर, शनिवार को रखा जाएगा।
इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत दो दिन रखा जा रहा है। एक दिन गृहस्थ लोग और दूसरे दिन वैष्णव समुदाय के लोग व्रत रखेंगे। आइए जानें ‘मोक्षदा एकादशी व्रत’ की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
शुभ मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी तिथि प्रारम्भ –
2 दिसम्बर 2022 को रात 5 बजकर 39 मिनट से शुरू
मोक्षदा एकादशी तिथि समाप्त –
3 दिसम्बर 2022 को रात 5 बजकर 34 मिनट तक
पारण का (व्रत तोड़ने का) समय –
4 दिसंबर 13:14 से 15:19 तक
वैष्णव मोक्षदा एकादशी- 4 दिसम्बर 2022, रविवार
वैष्णव एकादशी के लिए पारण का समय –
5 दिसंबर सुबह 6:59 से 9:04 तक
महिमा
मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जो भी जातक पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है, उसे मृत्यु के बाद बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
इन नियमों का रखें ध्यान
जो लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, उन्हें इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
मोक्षदा एकादशी को पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि जागरण करते हुए श्री हरि विष्णु का स्मरण करना चाहिए।
एकादशी व्रत को कभी हरि वासर समाप्त होने से पहले पारण नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों में द्वादशी समाप्त होने के बाद व्रत का पारण करना पाप के समान माना जाता है।
यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही हो तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
द्वादशी तिथि के दिन प्रातः पूजन व ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।