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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: ज्येष्ठ महीना अभी चल रहा है। इस मास में स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ मास में कुछ उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानें उन उपायों के बारे में- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ज्येष्ठ मास में दान को पुण्य के समान माना जाता है। तेज गर्मी में राहगीरों को जल का दान करने से न केवल देवी-देवता प्रसन्न होते हैं बल्कि, पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कहते है पंचांग के तीसरे यानी ज्येष्ठ महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाएं जाते हैं। साथ ही इस महीने में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए नितदिन पूजा-पाठ अवश्य करें। इसके अलावा, पशु-पक्षियों की सेवा करना भी पुण्य माना गया है। इसलिए खुली जगह पर पक्षियों के लिए दाना और पानी की व्यवस्था करें और पशुओं के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था करें।

जेठ के महीने में गर्मी अपने प्रचंड रूप में होती है। जिस वजह से पानी की खपत बढ़ जाती है। इसलिए इस मास में व्यक्ति को पानी का संरक्षण विशेष रूप से करना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में व्यक्ति को जल संरक्ष्ण पर विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस महीने में की गई जल की बर्बादी को पाप माना जाता है। साथ ही इस मास में जरूरतमंद लोगों की सेवा को उच्चतम कर्म की श्रेणी में रखा गया है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ मास में व्यक्ति को कम से कम एक बार जल दान अवश्य करना चाहिए।