Mahashivratri 2024, Lifestyle News
महाशिवरात्रि 2024 (सोशल मीडिया)

Loading

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri 2024) हिंदुओं में विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित है, जो सनातन धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। माना जाता है कि इस पावन तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन को शिव और शक्ति के मिलन के रूप में मनाया जाता है।

ज्योतिष- शास्त्र के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। लेकिन, आपको रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इन विशेष  बातों का ध्यान रखकर आप महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।  

शिवरात्रि का दिन होता है शुभ

भगवान शंकर से जुड़े हुए कार्य करने के लिए शिवरात्रि का दिन शुभ अच्छा माना गया है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान शिव का ही अंश रुद्राक्ष हैं। जिसे धारण करने के लिए शिवरात्रि से अच्छा दिन कोई नहीं माना जाता।

ज्योतिषियों के अनुसार, रुद्राक्ष को धारण करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, सावन का सोमवार और शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम एवं शुभ माना जाता हैं। ऐसी स्थिति में अगर आप भी शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करना चाहते हैं, तो ऐसे में आइए जानें महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए।

गले या कलाई में पहनें रूद्राक्ष

ज्योतिष की मानें तो, अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं, तो रुद्राक्ष को गले अथवा कलाई में धारण करना अच्छा माना जाता हैं। रुद्राक्ष धारण करने से सबसे पहले उसे दूध अथवा सरसों के तेल में अच्छी तरह साफ करना चाहिए। उसके बाद धारण करते समय भगवान शिव के अमोघ मंत्र का जाप के साथ धारण करना चाहिए।

काले धागे में नहीं पहनें रूद्राक्ष

कहते हैं, अगर आप रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं, तो आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। यदि, आप रुद्राक्ष हाथ में धारण कर रहे हैं, तो काले धागे में कभी भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। इसके साथ ही किसी को उपहार के रूप में रुद्राक्ष नहीं देना चाहिए, और न ही लेना चाहिए। इसके अलावा रुद्राक्ष धारण करने वाले को मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • रुद्राक्ष धारण करने के बाद नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करें।
  • रुद्राक्ष को नियमित रूप से गंगाजल से धोकर और धूप-दीप दिखाकर शुद्ध करें।
  • रुद्राक्ष को रसायनों, साबुन, और डिटर्जेंट से दूर रखें।
  • रुद्राक्ष को सोते समय, स्नान करते समय और शमशान घाट पर पहनकर नहीं जाना चाहिए।
  • इसके अलावा घर में नवजात के जन्म के दौरान भी रुद्राक्ष धारण करने से बचना चाहिए।
  • साथ ही महिलाओं को मासिक धर्म में रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए।
  • इसके अलावा, समय-समय पर रुद्राक्ष को गंगाजल से साफ करना चाहिए ताकि उसकी शुद्धता बनी रहे।