Mahashivratri 2024, Lifestyle News
महाशिवरात्रि 2024 (डिजाइन फोटो)

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri 2024) आने में अब कुछ ही समय बाकी रह गया है। सनातन धर्म में भगवान शिव को अमर,अजर और अविनाशी कहा गया है। शिव अनंत है और उनकी पूजा करके जातक की संपूर्ण मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती के विवाह के पर्व को हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।

8 मार्च को मनेगी शिवरात्रि

जो इस बार 8 मार्च, शुक्रवार को पूरे देशभर में मनाया जाएगा। लेकिन आपको बता दें कि महाशिवरात्रि की पूजा के दौरान कुछ लोग अनजाने में गलतियां कर बैठते है। ऐसे में आइए 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जान लें। अन्यथा पूरी पूजा विफल मानी जाती है और आपके बने बनाए काम भी बिगड़ सकते है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करते समय कभी भी शिवलिंग की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। यह वर्जित मानी जाती है। शिवलिंग की पूरी परिक्रमा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते है।  इससे दोष लगता है। व्यक्ति को जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  
  • ज्योतिषियों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा करते समय रोली, कुमकुम या हल्दी अर्पित नहीं करनी चाहिए। ये सब स्त्री तत्व हैं और शिवलिंग पुरुष तत्व है। इसलिए, आपको इन चीजों की बजाय पीला चंदन अर्पित करना चाहिए और उसका ही तिलक करना चाहिए।
  • शिव की पूजा के समय अभिषेक में शंख का उपयोग नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के राक्षस का वध किया था। यही कारण है कि भोलेनाथ की पूजा में शंख का प्रयोग वर्जित माना गया है। पूजा के अलावा भगवान शिव के समक्ष शंख भी नहीं रखा जाता। इसलिए गलती   भूलकर भी न करें।
  • भगवान शिव को बेलपत्र बेहद प्रिय होते हैं। भगवान को बेलपत्र अर्पित करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है, लेकिन कभी भी व्यक्ति को फटे या छेद वाले बेलपत्र नहीं देने चढ़ाने चाहिए. इन्हें खंडित माना जाता है। इसलिए भगवान को हमेशा साफ बेलपत्र अर्पित करें। शिवलिंग पर पहले से चढ़े बेलपल को साफ कर फिर से चढ़ाया या इस्तेमाल में लिया जा सकता है। इससे भगवान सभी की मनोकामाओं को पूर्ण करता है।
  • कहते है भोलेनाथ की पूजा करते समय भूलकर भी तुलसी की पत्ती अर्पित नहीं करनी चाहिए। तुलसी दल न सिर्फ भगवान शिव बल्कि पूरे शिव परिवार पर तुलसी अर्पित करने की मनाही है। इसके अलावा महादेव की पूजा में केतकी के फूलों को भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।