Barricating to prevent the spread of infection

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    नाशिक. कोरोना (Corona) के बढ़ते प्रभाव के कारण जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा घोषित किए गए सख्त नियमों के बाद शनिवार से शहर में अधिकांश दुकानें बंद (Shops Closed) रखी गईं। जीवनोपयोगी और चिकित्सकीय सेवाओं के अलावा सभी व्यवसाय बंद रखे गए। दूसरी ओर शहर में रास्तों पर सामान्य दिनों की तरह ही चहल-पहल दिखाई दी। बंद के चलते रास्ते खाली होने से प्रशासन ने रास्तों पर जगह-जगह बैरिकेटिंग (Barricading) लगाने की शुरुआत कर दी। 

    इस बीच, नागरिकों में संदेह फैल गया कि कहीं शहर में लॉकडाउन या मिनी लॉकडाउन तो नहीं लगा दिया गया। इस विषय पर हर जगह चर्चा सुनाई दे रही है।

    भीड़भाड़ वाले इलाकों में दिखा सन्नाटा

    कोरोना के चलते भीड़भाड़ को रोकने के लिए शनिवार और रविवार को जीवनोपयोगी सामग्री को छोड़कर अन्य दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया है, जिसे 4 सप्ताह पूरे हो गए हैं। शहर के मुख्य मंडी के इलाकों शिवाजी रोड, मेन रोड, महात्मा गांधी मार्ग के साथ उपनगरीय भागों में भी नियमों का पालन करते हुए दुकानें बंद रखी गयीं। प्रशासन की सूचना के अनुसार निर्धारित समय के लिए किराना दुकान, सब्जी और दवा की दुकानें खुली रहीं। भीड़भाड़ वाले इलाके मेन रोड पर शनिवार और रविवार को सन्नाटा दिखाई दिया। प्रशासन ने यहां भीड़ पर नियंत्रण बनाने के लिए रास्तों के बीच बैरिकेटिंग कर रखी है। दूसरी ओर शहर में लॉकडाउन की चर्चा होने से लोगों को लग रहा है कि यह तैयारी लॉकडाउन के लिए ही तो नहीं हैं? या शहर में मिनी लॉकडाउन तो नहीं लगा दिया गया?

     स्टेशनों पर बढ़ने लगी भीड़

    कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण लॉकडाउन लगने की चर्चा शहर के हर चौक चौराहों पर हो रही है। इस डर से प्रवासी मजदूर नाशिकरोड रेलवे स्टेशन पहुंचने लगे हैं। कुछ मजदूर टिकट बुकिंग के लिए तो कुछ सीधे ट्रेन में बैठने के लिए स्टेशन पर ही रह रहे हैं जिससे स्टेशन पर भीड़ बढ़ती जा रही है।