Election Commission freezes LJP party symbol amid dispute between Chirag Paswan and Pashupati Kumar Paras

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    पटना. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पार्टी से बगावत करने वाले अपने चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को शनिवार को ताना देते हुए कहा कि उन्होंने परिवार को तोड़ कर यह लक्ष्य पाया है। चिराग ने व्यंग्य कसते हुए चाचा को कैबिनेट मंत्री बनने पर बधाई भी दी। लोकसभा में लोजपा के नेता के रूप में पारस की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद चिराग ने स्पष्ट किया, “मेरे दिवंगत पिता द्वारा खून-पसीने से सींचे गए दल को वापस पाने की लड़ाई से मैं पीछे नहीं हटूंगा।”

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का परोक्ष संदर्भ देते हुए चिराग ने कहा, “मैं पार्टी पर ऐसे लोगों का वर्चस्व नहीं होने दूंगा, जो अपनी महत्वाकांक्षा के कारण ऐसे लोगों की गोद में जाकर बैठ गए हैं, जिन्होंने मेरे पिता की जयंती पर एक ट्वीट तक नहीं किया।”

    चिराग ने पहले भी संदेह जताया है कि नीतीश कुमार ही लोजपा में हुई फूट का कारण हैं। जमुई से सांसद चिराग ने भाजपा से मोहभंग होने का भी संकेत दिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूर्ण आस्था दिखाने के बावजूद भाजपा ने लोजपा के संकट के दौरान मुंह नहीं खोला है। यह पूछने पर कि क्या वह खुद को मोदी का हनुमान मानते हैं, चिराग ने अप्रत्यक्ष रूप से जवाब दिया कि यह सवाल चुनाव नजदीक आने पर पूछे जाने वाला है।

    अपने पिता के पहले विवाह वाले परिवार के साथ संपर्क करने के प्रयास में जुड़े 38 वर्षीय चिराग ने कहा, “मै बहुत भावुक महसूस कर रहा हूं। मेरे पिताजी की मौत और परिवार के सदस्यों की धोखेबाजी के बीच कुछ रिश्तेदार हमारे साथ भी आए।”

    आशीर्वाद यात्रा के लिए सोमवार से राज्य में मौजूद चिराग खगड़िया जाकर अपनी सौतेली मां और बहन से मिले और अपने परिवार के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिश की।

    चिराग ने कहा, “मैं कोई कानून विशेषज्ञ नहीं हूं। राष्ट्रीय राजधानी में अपनी कानूनी टीम के साथ भेंट होने से पहले मैं दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करुंगा। लेकिन, मैं हार नहीं मानने वाला।” (एजेंसी)