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जोधपुर में मारवाड़ उत्सव दो दिवसीय महोत्स्व (12 अक्टूबर-13 अक्टूबर) है, जिसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पूरे जोधपुर को सजाया जाता है।  
जोधपुर में मारवाड़ उत्सव दो दिवसीय महोत्स्व (12 अक्टूबर-13 अक्टूबर) है, जिसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पूरे जोधपुर को सजाया जाता है।  
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यह महोत्सव प्रतिवर्ष दो दिन के लिए मनाया जाता है, जहां कई समारोह का आयोजन किया जाता है। 
यह महोत्सव प्रतिवर्ष दो दिन के लिए मनाया जाता है, जहां कई समारोह का आयोजन किया जाता है। 
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इस उत्सव में लोग अलग-अलग तरह से सांस्कृतिक संगीत और गायन का भी आयोजन करते हैं। 
इस उत्सव में लोग अलग-अलग तरह से सांस्कृतिक संगीत और गायन का भी आयोजन करते हैं। 
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मारवाड़ फेस्टिवल में मुख्य आकर्षण का केंद्र यहां का नृत्य है। जिसे अलग-अलग तरह से प्रदर्शित किया जाता है। जैसे यहां का मशहूर भवई नृत्य है। 
मारवाड़ फेस्टिवल में मुख्य आकर्षण का केंद्र यहां का नृत्य है। जिसे अलग-अलग तरह से प्रदर्शित किया जाता है। जैसे यहां का मशहूर भवई नृत्य है। 
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इस महोत्सव में कई तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में डांडी गैर देखने योग्य होता है। 
इस महोत्सव में कई तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में डांडी गैर देखने योग्य होता है। 
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मारवाड़ उत्सव के दौरान ऊंठों को भी बेहद खूबसूरत तरीके सजाया जाता है। 
मारवाड़ उत्सव के दौरान ऊंठों को भी बेहद खूबसूरत तरीके सजाया जाता है। 
7/10
इस दिन पुरुष अपने माथे की शोभा को बढ़ने के लिए साफा पहनते हैं।  
इस दिन पुरुष अपने माथे की शोभा को बढ़ने के लिए साफा पहनते हैं।  
8/10
इस महोत्सव में महिलाएं बेहद अलग तरह से सजती- सवरती हैं और बेहद खूबसूरत दिखती हैं।
इस महोत्सव में महिलाएं बेहद अलग तरह से सजती- सवरती हैं और बेहद खूबसूरत दिखती हैं।
9/10
इस उत्सव में होने वाला कालबेलिया नृत्य भी यहां का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
इस उत्सव में होने वाला कालबेलिया नृत्य भी यहां का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
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राजस्थान का मशहूर नृत्य घूमर भी इस महोत्सव के दौरन महिलाओं द्वारा किया जाता है।
राजस्थान का मशहूर नृत्य घूमर भी इस महोत्सव के दौरन महिलाओं द्वारा किया जाता है।