घर की  इस दिशा में भूलकर भी ना रखें ये सामान, रुक सकता है धन का आगमन

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    -सीमा कुमारी

    कई लोगों का मानना है कि एक खुशहाल एवं सुखमय जीवन के लिए तीन चीजों का होना बेहद जरूरी है। जैसे- परिवार, धन-दौलत और सुख-शांति। लेकिन इन चीजों का होना तभी संभव है। जब घर सही  दिशा में हो। कहने का मतलव है कि लोग घर बनाते समय बहुत सारी बातों का ध्यान अवश्य रखते  है। जैसै घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए, रसोईघर कैसा और किस दिशा से लेकर सोने के कमरे या बच्चों के कमरे की दिशा क्या हो, खिड़कियां कहां और कैसी हों, आलमारी कहां बनवाई जाए या रखी जाए, शौचालय या स्नानघर किस दिशा में हो आदि। जिन घरों में वास्तु के हिसाब  नियमों का पालन किया जाता है उस घर में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में आज हम जानेंगे कि घर की कौन सी दिशा वास्तु के हिसाब से सही हैं और कौन सी नहीं…

    • वास्तु शास्त्र के मुताबिक, उत्तर पूर्वी दिशा में कुबेर की चौकी रखना शुभ माना जाता है, ऐसे में इस दिशा में आलमारी रखी जा सकती है, इसके अलावा धन के आगमन के लिए इस दिशा को खाली रखना शुभ माना जाता है। अगर आप माता लक्ष्मी की कृपा चाहते है तो इस दिशा में आलमारी व तिजोरी रखना ना भूले।
    • वास्तु दोष के अनुसार, घर की उत्तर दिशा में कभी भी जूते-चप्पल रखने का स्थान नहीं बनाना चाहिए। बाहर से घर में आते समय कभी भी उत्तर दिशा में जूते-चप्पल नहीं उतारने चाहिए। इससे आपके घर में नकारात्मकता बढ़ने लगती है। इसके साथ ही आपके घर में आर्थिक तंगी होने लगती है।
    • ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, उत्तर पूर्वी दिशा में पूजा घर बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन आज जगह के अभाव में लोग उत्तर पूर्वी दिशा में कई लोग सीढ़ियां बनवा देते हैं, जो वास्तु के हिसाब से बिल्कुल सही नहीं है।  इन नियमो का पालन ना करने पर लोग जीवन भर आर्थिक तंगी का सामना करता रहता है। इसलिए कोशिश करे कि ऐसी गलती ना हो। 
    • घर की उत्तर पूर्वी दिशा कुबेर का स्थान होती है, कई लोग दिशा में स्टोर रूम बना देते हैं या फिर भारी मशीनरी एवं जूते-चप्पल या गंदी चीजें रख देते हैं, ऐसे में घर की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए उत्तर पूर्वी दिशा में ऐसी कोई भी वस्तु रखने से बचना चाहिए।
    • वास्तु के मुताबिक, उत्तर पूर्वी दिशा में कई बार बिल्डिंग की बड़ी परछाई पड़ना भी एक मुश्किल का कारण बन जाता है, इसलिए उत्तर पूर्वी दिशा को जितना स्वच्छ रखा जाए उतना बेहतर होता है।