हवाई यात्रियों की सुरक्षा खतरे में

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    हवाई यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ना चिंताजनक है. विभिन्न विमान सेवाओं में जिस प्रकार की गड़बड़ी हुई है, उसे देखते हुए हवाई यात्रा करनेवाला हर व्यक्ति आशंकित हो उठा है. क्या इसके पीछे मेंटेनेंस में लापरवाही है अथवा ऐसे पुराने विमान उड़ाए जा रहे हैं जो भरोसेमंद नहीं रहे? स्पाइसजेट के विमानों में पिछले 18 दिनों में 8 बार तकनीकी खराबी आई. विस्तारा एयरलाइन का इंजन फेल हुआ जबकि इंडिगो के विमान में धुआं उठा. सौभाग्य से कोई जानलेवा विमान दुर्घटना नहीं हुई.

    जब हर विमान को उड़ान के पहले ग्राउंड इंजीनियरिंग स्टाफ चेक कर लेता है तो फिर गड़बड़ी कैसे होती है? हवाई यात्रियों की जान से खिलवाड़ हरगिज नहीं होना चाहिए. विमानन कंपनियों की नियामक संस्था डीजीसीए ने यात्री विमान सेवा चलाने वाली कंपनी स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. गत 1 अप्रैल से अभी तक इस कंपनी द्वारा संचालित विमानों में बार-बार जो तकनीकी खामियां आईं, उसे देखते हुए यह जरूरी हो गया था.

    मेंटेनेंस में कमी

    डीजीसीए की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि इनमें से अधिकांश घटनाएं खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव की वजह से हुईं. यह सिस्टम से संबंधित विफलता का उदाहरण है और सेफ्टी स्टैंडर्ड या सुरक्षा मानकों में गिरावट के कारण घटित हुईं. इस मामले में स्पाइसजेट को जवाब देने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया गया है. सबसे खराब दिन 5 जुलाई था जिस दिन विमान में खराबी के 3 मामले सामने आए. इसमें से एक मामला यह था कि दिल्ली से दुबई जानेवाली फ्लाइट को विमान में गड़बड़ी आने के कारण पाकिस्तान के कराची हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा.

    स्पाइसजेट का एक मालवाहक विमान मौसम संबंधी रडार काम नहीं करने से कोलकाता वापस आ गया. कोलकाता से चीन जा रहे विमान के पायलट को उड़ान भरने के बाद ही पता चल गया था कि रडार काम नहीं कर रहा है. ऐसे में विमान उड़ाना बेहद खतरनाक हो सकता था, इसलिए पायलट ने कोलकाता लौटने का फैसला किया. स्पाइसजेट और विस्तारा के अलावा इंडिगो एयरलाइन के साथ भी गड़बड़ी देखी गई. इंडिगो की रायपुर-इंदौर फ्लाइट की इंदौर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद केबिन में धुआं देखा गया. इस घटना में किसी यात्री को नुकसान नहीं हुआ.

    कलपुर्जों का अभाव

    ये सारी घटनाएं अकस्मात नहीं हुईं. स्पाइसजेट की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में ऑडिटर ने कंपनी की संचालन क्षमता पर सवाल उठाए थे. उसने नियमित रूप से भविष्य निधि और जीएसटी जमा नहीं कराया था. कंपनी के आर्थिक भार का असर अन्य पहलुओं पर आया, जिसमें एयर सेफ्टी भी शामिल थी. डीजीसीए ने सितंबर 2021 में वित्तीय आकलन किया तो पता चला कि स्पाइसजेट ने आपूर्तिकर्ताओं को नियमित भुगतान नहीं किया, जिससे कलपुर्जों की कमी होती चली गई.

    6 वर्ष में 49 हवाई दुर्घटनाएं

    मार्च में केंद्र सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया कि 2016 से हुई 49 हवाई दुर्घटनाओं की जांच की गई है. दुर्घटनाओं का मुख्य कारण चालक दल द्वारा मानक संचालन नियमों का पालन नहीं करना है. इसके अलावा खराब मौसम, तकनीकी खामियां और कभी पक्षी का टकराना भी है. उल्लेखनीय है कि 2013-14 में अमेरिका के संघीय विमानन प्राधिकरण ने भारतीय विमानन का दर्जा पहली श्रेणी से घटाकर दूसरी श्रेणी में डाल दिया था. ऐसा सुरक्षा एवं रखरखाव की कमी की वजह से किया गया था. इसका कुछ भारतीय विमान सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर विपरीत असर पड़ा था. बाद में स्थितियां सुधर गई थीं. डीजीसीए की प्रमुख जिम्मेदारी हवाई यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इसके लिए जरूरी है कि एयरलाइन को सतर्क किया जाए और समस्याओं को शुरुआत में ही हल कर लिया जाए.