एशियन गेम्स में रचा इतिहास, अब भारतीय खिलाड़ी करेंगे ओलंपिक की तैयारी

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हाँगझोऊ के एशियन गेम्स में 107 मेडल जीतने के बाद हमारे खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हैं जिससे अगले वर्ष होनेवाले पेरिस ओलंपिक के लिए वे और भी जमकर तैयारी करेंगे। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक जीतना अत्यंत गौरवपूर्ण व ऐतिहासिक उपलब्धि है। निश्चित रूप से भारत पूरे आत्मविश्वास के साथ एक खेलशक्ति के रूप में उभर रहा है। नीरज चोपड़ा बार-बार विश्व की बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में भालाफेंक में स्वर्ण या रजत पदक जीतते हैं।

एशियन गेम्स में 88।88 मीटर का रिकार्ड कायम करते हुए उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। नागपुर के ओजस देवतले ने तीरंदाजी में द। कोरिया को पछाड़कर स्वर्णपदक जीता। भारत के तीरंदाजों ने तीनों टीम स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल किया। 4&400 मीटर रिले रेस में भारत की पुरुष टीम ने गोल्ड हासिल किया। हॉकी में तो भारत का चैंपियन होना तो तय ही था।

कुछ खेलों में भारत चैम्पियन

भारतीय खिलाड़ियों ने क्रिकेट, हॉकी, शूटिंग, तीरंदाजी, मुक्केबाजी, कुश्ती, बिलियर्ड, स्नूकर, बॅडमिंटन, एथलेटिक्स जैसे लगभग 20 खेलों में किसी को भी टक्कर देने का दमखम दिखाया है। हम विश्व के सबसे युवा देश हैं और खेल जगत की बड़ी ताकत बनने का आत्मविश्वास रखते हैं। टेबल टेनिस, लॉन टेनिस, फुटबाल में  भारत के नए खिलाड़ी तेजी से उभर रहे हैं। गोल्फ में भी भारत का प्रदर्शन बढि़या होता जा रहा है।

सरकार का प्रोत्साहन

मोदी सरकार खेलों को लगातार बढ़ावा दे रही है तथा इसमें निवेश बढ़ा रही है। उसने उम्मीद जताई है कि अगले 5 वर्षों में खेल का मौजूदा बजट 5 गुना कर दिया जाएगा। भारत का खेल राजस्व 2022 में बढ़कर 14,000 करोड़ रुपए हो गया। इसके बावजूद इस बड़े देश में और अधिक खेल संसाधन जुटाने की जरूरत बनी हुई है। खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ कोचिंग व अवसर दिलाने होंगे।

क्रिकेट के मुकाबले अन्य खेल न दब जाएं

भारतीय खिलाड़ियों ने घुड़सवारी, रोलर स्केटिंग, स्क्वाश, नौकायन तथा वूशू जैसे मार्शल आर्ट के पदक जीते। नीरज चोपड़ा को ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने के पहले क्या किसी ने भालाफेंक को महत्व दिया था? क्रिकेट की लोकप्रियता के अलावा उसमें पैसा भी बहुत है। जैसे एक विशाल बरगद के आसपास अन्य पौधे नहीं पनप पाते वैसी ही स्थिति क्रिकेट ने कर रखी है। लोग अपने बेटे को अगला सचिन या विराट बनाने का सपना देखते हैं। आईपीएल ने भी क्रिकेट में नए अवसर पैदा किए हैं।

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड विश्व का सबसे धनी संगठन है। क्रिकेट में उपलब्धि अपनी जगह है लेकिन अन्य खेलों को भी समुचित प्रोत्साहन और बजट आवंटन की जरूरत है। यदि  प्रतिभाओं को तराशा जाए व आवश्यक सुविधाएं दी जाएं तो हमारे खिलाड़ी देश का नाम इसी तरह ओलंपिक में भी रोशन कर सकते हैं।