Protection and increase in the number of tigers and lions

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देश में एक समय ऐसा था कि शिकार की वजह से बाघों की संख्या काफी कम रह गई थी. तब शिकार पर कानूनी प्रतिबंध नहीं था. राजा-महाराजा और विदेशी अतिथि यहां के जंगलों में भारत दौरे पर आईं महारानी एलिजाबेथ और उनके पति प्रिंस फिलिप ने बाघ का शिकार किया था. नेपाल के तत्कालीन महाराज महेंद्र वीर विक्रम शाह ने भी यही किया था. तब पर्यावरण और वन्य प्राणि संरक्षण को लेकर जागृति नहीं थी. बाद में यह बात ध्यान में आई कि बाघ बचेंगे तो जंगल बचेगा और वन्य प्राणियों का संतुलन भी बना रहेगा. प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूर्ण होने के निमित्त आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों की बढ़ी हुई आबादी का गौरवपूर्ण उल्लेख किया.

उन्होंने बताया कि देश में कुल 3,167 बाघ हैं. 50 वर्ष पूर्व देश में केवल 268 बाघ शेष रह गए थे. प्रोजेक्ट टाइगर लागू कर शिकार को अवैध घोषित किया गया तथा तबसे बाघों को संरक्षण दिया जाता रहा. वर्ष 2006 में 1411, 2010 में 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967 तथा 2023 में बाघों की तादाद बढ़कर 3167 हो गई. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट टाइगर केवल भारत के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए गौरवपूर्ण है. हम पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के बीच संघर्ष पर विश्वास नहीं करते. हम उनके सहजीवन को महत्व देते हैं.

भारत ऐसा देश है जहां प्रकृति का संरक्षण करना हमारी संसकृति का हिस्सा है. यह अभिमान का विषय है कि भारत में 4 वर्षों में बाघों की संख्या में 200 की वृद्धि हुई है. भारत में 53 अभयारण्य हैं तथा दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ भारत में हैं. इसके अलावा तेंदुए की तादाद में भी 6 वर्षों में 60 फीसदी वृद्धि हुई है. इसके अलावा भारत ही एशियाई सिंहों का घर है. गुजरात के गिर अभयारण्य में सिंह या बब्बर शेरों की बहुतायत है. वर्ष 2015 में सिंहों की संख्या 525 थी जो 2020 में बढ़कर 675 हो गई. अफ्रीका के सिंह और हाथी एशियाई सिंह व हाथियों से भिन्न नस्ल के होते हैं.

भारत ने बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल 1973 को प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत की गई थी. शुरू में इसमें 18278 वर्ग किलोमीटर में फैले 6 बाघ अभयारण्य थे. वर्तमान समय में देश में 75,000 वर्ग किलोमीटर में फैले 53 बाघ अभयारण्य है. यह एरिया देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.4 प्रतिशत है. प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की शुरूआत की जिसका उद्देश्य बिग कैट (व्याघ्र) परिवार की 7 प्रमुख प्रजातियों का संरक्षण करना है.

बाघ के डर से वनोपज की चोरी तथा अवैध वन कटाई रूकती है. वनभूमि पर अतिक्रमण भी रूकता है. किसानों की फसल को नुकसान पहुंचानेवाले जंगली सुअर नीलगाय आदि की तादाद भी नियंत्रित हो जाती है. बाघ संरक्षण मुहिम को प्रचारित करने के लिए जो मुहिम चलाई गई उसमें महानायक अमिताभ बच्चन भी सहभागी हुए थे.