हर राज्य में फिल्म सिटी

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हमारे नेताओं को लगता है कि जनता की रीयल लाइफ की समस्याएं सुलझाना उनके बूते की बात नहीं है इसलिए लोगों को रील लाइफ में उलझाकर रख देना. यही वजह है कि पहले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने यूपी में फिल्म सिटी (UP Film City) बनाने का बीडा उठाया और अब हरियाणा के सीएम मनोहरराव खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने भी अपने राज्य में फिल्म सिटी के लिए 100 एकड़ जमीन स्वीकृत कर दी. उन्होंने कहा कि हरियाणा (Haryana) की फिल्म पालिसी का हरियाणवी संस्कृति, भाषा व कला को बढावा मिले. इसी तर्ज पर अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी आगे बढ़ना चाहिए.

जितने राज्य उतनी फिल्म सिटी! फिल्मों में इंसान की जिंदगी को 3 घंटे में समेट लिया जाता है. किसानों को फिल्म में दिखा दो कि नाचते-गाते किस तरह खेती की जाती है और हल चलाते ही फसल किस तरह तैयार हो जाती है तो वह आंदोलन करना भूल जाएगा. बेरोजगार को ऐसी फिल्म सपनों के सुाद, संसार में ले जाएगी जिसमें हीरो चिल्ला कर कहता है कि मां मुझे नौकरी मिल गई. जब हर राज्य में फिल्म बनेगी तो वहां क्षेत्रीयता पर जोर दिया जाएगा.

हरियाणा की फिल्म में जाट को जगह मिलेगी तो यूपी की फिल्मों में छोरा गंगा किनारे वाला को तरजीह दी जाएगी. लोगों को कैमरामैन, स्पाटब्वाय, मेकअप मैन, स्टोरी, डायलाग राइटर, गीतकार, संगीतकार, हीरो हीरोइन और एकस्ट्रा कलाकारों के रूप में जॉब देना आसान हो जाएगा. पकोडे तलने से यह कुछ तो बेहतर होगा. वैलेंटाइन डे विरोधी भावना को ध्यान में रखते हुये बीजेपी शासित राज्य अपनी फिल्म सिटी में हीरो हीरोइन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग रखेंगे जो कि कोरोना काल का भी तकाजा हैं.