राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालूप्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) की जमानत याचिका पर 6 हफ्ते के लिए सुनवाई टल जाने से उनका यह वर्ष जेल में ही कटेगा. चारा घोटाले (Fodder scam) के मामले में सजा काट रहे लालू को 3 मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है लेकिन डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में अब भी रांची स्थित सीबीआई अदालत में सुनवाई चल रही है. लालू ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर रिहाई की मांग की थी. उनके वकील ने लालू की आधी सजा को लेकर सर्टिफाइड कॉपी के लिए आवेदन किया था जो अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया. इस कारण इसके लिए समय देने की मांग की गई.
अब 6 सप्ताह बाद 22 जनवरी को सुनवाई होने की उम्मीद है. लालू के वकील तथा सीबीआई के वकील दोनों ने ही सुनवाई की तारीख बढ़ाने का आवेदन दिया था जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. सीबीआई ने पूरक शपथ-पत्र दाखिल कर लालू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इसमें कहा गया है कि लालू ने जेल के कानूनों का उल्लंघन किया है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए लालू पर बिहार के एक बीजेपी (BJP) विधायक को फोन करने का आरोप है. उनकी तबियत अभी स्थिर है, इसलिए उन्हें रिम्स से बिरसा मुंडा जेल भेज देना चाहिए. लालू के जेल में रहने के बावजूद उनके पुत्र व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन को अच्छी खासी सीटें दिलाईं तथा नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष की हैसियत हासिल कर ली.