सत्ता का जितना मद किसी मंत्री को नहीं होता, उससे ज्यादा घमंड उनके बेटे को होता है. वह किसी बिगड़ैल शहजादे की तरह आचरण करता है और आम जनता को अपने पैरों की धूल के समान समझता है. उसके उद्दंडता भरे आचरण और बदमिजाजी पर कहीं कोई अंकुश नहीं रहता. मंत्री पुत्र की ऐसी हरकतें समय रहते नहीं रोकी गईं तो अपने पिता के लिए भारी मुसीबत पैदा कर देता है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे मोनू पर लखीमपुर जिले के तिकोनिया में प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ पर गाड़ी चढ़ाकर उनकी जान लेने का आरोप है. इस घटना में 3 किसानों की कुचलकर मौत हो गई तथा 8 घायल हो गए.
हजारों किसानों की भीड़ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और यूपी के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य की सभा में कृषि कानूनों को लेकर विरोध जताने जा रही थी. यूपी के विभिन्न गांवों से हजारों की तादाद में किसान हाथों में काला झंडा लेकर तिकोनिया पहुंच गए और महाराजा अग्रसेन खेल मैदान पर कब्जा जमा लिया. वहां डिप्टी सीएम का हेलीकाप्टर उतरना था. क्या मंत्री पुत्र को किसानों की इतनी भीड़ नजर नहीं आई या उसने गुस्से में आकर सरकार व बीजेपी का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों को सबक सिखाने की ठानी? यह कोई दुर्घटना या गाड़ी बेकाबू होने की बात नहीं थी, बल्कि किसानों का दमन करने की सामंतवादी सोच इसके पीछे थी.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने अपने बेटे मोनू को बेगुनाह बताते हुए कहा कि गाड़ी में वह नहीं था. यदि वह कार से किसानों को कुचलता तो किसान उसे जिंदा नहीं छोड़ते. वैसे कहा जा रहा है कि जब मिश्रा और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने के लिए दौड़े. तभी काफिले में शामिल अजय मिश्रा के बेटे मोनू उर्फ अभिषेक ने अपनी गाड़ी किसानों पर चढ़ा दी. यूपी के पूर्व सीएम व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कृषि कानूनों का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों को बीजेपी सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है. दंभी भाजपाइयों का जुल्म अब और नहीं सहा जाएगा. यही हाल रहा तो यूपी में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न ही उतर पाएंगे.