कभी खुशी कभी गम, भारतीय बन सकता है ब्रिटेन का पीएम

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, यह कल्पना कितनी सुखद लगती है कि कभी कोई भारतीय ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन सकता है! आखिर अमेरिका में भी तो भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति हैं. मारिशस में शिवसागर रामगुलाम, अनिरुद्ध जगन्नाथ जैसे भारतीय मूल के राष्ट्राध्यक्ष हुए. गुयाना में छेदी जगन ने सत्ता संभाली थी.’’ 

    हमने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि आपका इशारा ऋषि सुनक की ओर है जो ब्रिटेन के वित्तमंत्री या चांसलर ऑफ एक्सचेकर हैं और इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं. ब्रिटेन के अनुदार दल (टोरी) को लगता है कि ऋषि सुनक प्रधानमंत्री पद की होड़ में सबसे आगे या फ्रंट रनर हैं. यदि पीएम पद से बोरिस जानसन की छुट्टी हुई तो सुनक प्रधानमंत्री बन जाएंगे.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बोरिस जानसन के आचरण ने ब्रिटिश जनता के विश्वास को हिलाकर रख दिया. कोविड प्रतिबंधों की पूरी तरह अनदेखी करते हुए उन्होंने अपने सरकारी निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट में कई पार्टियां दी थी. इससे न जाने कितने लोगों को संक्रमण फैला होगा. आप तो जानते हैं कि अंग्रेजों की रातभर चलने वाली पार्टी में खाने-पीने के अलावा बालरूम डांस होता है. लोग एक दूसरे के संपर्क में आते हैं. देर तक चलने वाली पार्टी के बारे में आपने गीत सुना होगा- 4 बज गए हैं लेकिन पार्टी अभी बाकी है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘कहावत है कि पार्टी बेवकूफ लोग दिया करते हैं जबकि बुद्धिमान लोग इसके मजे उड़ाया करते हैं. कोरोना काल में पार्टियां देकर बोरिस जानसन ने गलती की. हो सकता है कि अब उन्हें बिदाई पार्टी दे दी जाए. यदि उनकी जगह ऋषि सुनक पीएम बने तो रौनक आ जाएगी. जिन अंग्रेजों ने 200 साल तक भारत पर राज किया, उन गोरी चमड़ीवालों पर एक भारतीय हुकूमत करेगा. इसीलिए कहावत है- कभी गाड़ी नाव पर तो कभी नाव गाड़ी पर!’’