अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का चक्कर, बाइडेन-ट्रंप जैसे बूढ़ों में टक्कर

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, भारत और अमेरिका जैसे विश्व के बड़े लोकतंत्रों के लिए यह चुनाव (US presidential election) वर्ष है।  हमारे यहां अप्रैल में इलेक्शन है तो अमेरिका में नवंबर के पहले सप्ताह में नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा।  अमेरिका में प्रेसीडेंट पद के लिए 2 बुजुर्ग नेताओं के बीच मुकाबला होने की संभावना है। 81 वर्षीय जोसेफ बाइडेन का मुकाबला 77 वर्षीय डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) से होगा।  अभी 24 फरवरी को साउथ कैरोलाइना राज्य में होनेवाले रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनाव में निक्की हेली ट्रंप को टक्कर देंगी।  52 वर्षीय निक्की का असली नाम नम्रता रंधावा है जो खुद को यंग जनरेशन का प्रतिनिधि बताते हुए दोनों बूढ़े नेताओं बाइडेन और ट्रंप की खिंचाई कर रही हैं।  उन्होंने कहा कि ये दोनों बीते युग के बुजुर्ग हैं और आज किसी काम के नहीं हैं।  ये लड़खड़ाते हुए बूढ़े या स्टंबलिंग सीनियर्स हैं।  ट्रम्प का दिमाग नहीं चलता।  उनकी याददाश्त खो गई है।  निक्की हेली ने कहा कि ट्रंप मेरा नाम तक भूल गए और मुझे नैन्सी पलोसी कह दिया।  ये सनकी बूढ़े मेरा रास्ता रोक रहे हैं। ’’

हमने कहा, ‘‘निक्की हेली कुछ भी कहें लेकिन बूढ़े नेताओं के पास अनुभव और परिपक्वता की पूंजी होती है।  उन्हें समझना चाहिए कि ओल्ड इज गोल्ड! हमारे यहां आडवाणी 96 वर्ष के, मनमोहन सिंह 91 वर्ष के, मुरली मनोहर जोशी 90 वर्ष के हैं।  नेताओं की उम्र प्राय: लंबी होती है।  चौधरी देवीलाल, प्रकाशसिंह बादल ने भी 90 की उम्र पार कर ली थी।  अजीत पवार बेचैन हैं कि 83 वर्ष के शरद पवार क्यों अब तक पार्टी अध्यक्ष बने हुए हैं।  भारत में लोग 73 वर्ष के मोदी पर 52 वर्ष के राहुल गांधी से ज्यादा भरोसा करते हैं महाभारत में भीष्म पितामह और द्रोणाचार्य जैसे बुजुर्ग कौरवों के सेनापति थे। ’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यदि ट्रंप और बाइडेन हमारे प्रधानमंत्री मोदी से पूछें तो वे उन्हें सीधे मार्गदर्शक मंडल में जाने की सलाह दे देंगे।  जो हुआ 75 पार, उसे टिकट देने से इनकार!’’