HEMANT RASNE

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    पुणे: पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, उसके बावजूद स्थायी समिति (Standing Committee) का अस्तित्व बना रहता है। इस तरह की याचिका स्थायी समिति अध्यक्ष हेमंत रासने (Hemant Rasne) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर की है। इस याचिका में प्रथम दृष्टया तथ्य है। राज्य सरकार और पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) को इस संदर्भ में छह सप्ताह में अपना पक्ष रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। 

    पुणे महानगरपालिका का कार्यकाल 14 मार्च को समाप्त हो चुका है। इसके बाद नगर विकास विभाग ने प्रशासक के रूप में कमिश्नर विक्रम कुमार की नियुक्ति की थी। महानगरपालिका अधिनियम के अनुसार स्थायी समिति बर्खास्त नहीं होती है। नई समिति आने तक वह कार्यरत रहने का कानून होने का दावा हेमंत रासने ने किया था।

    अपने रुख पर कायम हैं हेमंत रासने

    हेमंत रासने अपने रुख पर कायम हैं। उन्होंने हाईकोर्ट पहुंचकर पुणे महानगरपालिक कमिश्नर और नगर विकास विभग का प्रतिवादी बनाया था। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार नहीं किया। इस निर्णय के खिलाफ रासने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।