Ben Stokes described the Dharamshala pitch as favorable for batting.
बेन स्टोक्स (File Photo)

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नवभारत स्पोर्ट्स डेस्क: भारत (Team India) के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैच में शिकस्त ने इंग्लैंड (England Team) के कप्तान बेन स्टोक्स (Ben Stokes) को गेंदबाजी में जल्द वापसी पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है और मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम (Brendon McCullum) ने स्वीकार किया है कि यह एक अच्छा संकेत है लेकिन वे नहीं चाहते कि यह ऑलराउंडर अनावश्यक रूप से जल्दबाजी करे। 

अब भी घुटने की सर्जरी से उबर रहे स्टोक्स ने पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट के बाद से गेंदबाजी नहीं की है। मैकुलम के हवाले से सोमवार को ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ ने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि वह उस स्थिति में पहुंच रहा है जहां उसे लगता है कि वह गेंदबाजी कर सकता है।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बेन चतुर है, वह काफी चतुर है। वह तब तक गेंदबाजी नहीं करेगा जब तक उसे नहीं लगता कि वह वैध रूप से गेंदबाजी करने में सक्षम है। समस्या तब होगी जब वह गेंदबाजी स्पैल शुरू करेगा और फिर उसे खत्म नहीं कर पाएगा। इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है।”

मैकुलम ने कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि खतरा कहां है और उसे इससे दूर करने की कोशिश करनी होगी। लेकिन यह एक अच्छा संकेत है।” राजकोट टेस्ट से पहले स्टोक्स ने कहा था कि उन्होंने अपने फिजियोथेरेपिस्ट से वादा किया था कि वह मौजूदा श्रृंखला में गेंदबाजी नहीं करेंगे। लेकिन रविवार को तीसरे टेस्ट में 434 रन की हार के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी ऑलराउंडर की भूमिका दोबारा निभाएंगे तो स्टोक्स ने कहा, ‘‘मैं हां नहीं कह रहा हूं, मैं ना भी नहीं कह रहा हूं।” 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ज्यादातर चीजों के बारे में हमेशा बहुत आशावादी रहता हूं। मेडिकल टीम के साथ विस्तृत बातचीत होगी कि मुझ पर काम का कितना बोझ है जिससे कि मुझे कोई बड़ा खतरा नहीं हो।” राजकोट टेस्ट के दौरान स्टोक्स ने शत प्रतिशत क्षमता से ट्रेनिंग की थी और स्वीकार किया था कि उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभ्यास के एक दिन शत प्रतिशत क्षमता के साथ गेंदबाजी करने में सफल रहा जिससे मुझे काफी अच्छा महसूस हुआ। मुझे लगा कि मैं मैच में गेंदबाजी कर सकता था लेकिन यह बेवकूफी होती।”

श्रृंखला का पहला मैच 28 रन से जीतने के बाद इंग्लैंड को विशाखापत्तनम में 106 रन से हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद राजकोट में उसे अपनी सबसे करारी हार में से एक झेलनी पड़ी और टीम पांच मैच की श्रृंखला में 1-2 से पिछड़ गई। अगर यह तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर दोबारा गेंदबाजी करना शुरू कर दे तो इंग्लैंड की टीम को काफी फायदा होगा। मेहमान टीम ने पहले दो टेस्ट में सिर्फ एक तेज गेंदबाज को खिलाने का विकल्प चुना। उन्होंने तीसरे मैच में जेम्स एंडरसन और मार्क वुड दोनों तेज गेंदबाजों को खिलाने के लिए स्पिनर शोएब बशीर को एकादश से बाहर कर दिया।

इंग्लैंड का ‘बैजबॉल’ (हर हाल में आक्रामक होकर खेलने की रणनीति) रवैया भी तीसरे सेट में उस पर भारी पड़ा गया जिससे टीम को 434 रन के बड़े अंतर से हार झेलनी पड़ी जो 1934 के बाद से रनों के लिहाज से उसकी सबसे बड़ी हार है। मैकुलम ने कहा कि हार निश्चित रूप से टीम को आहत कर रही है लेकिन वे पांच मैचों की श्रृंखला के बाकी मुकाबालों में अपने आक्रामक ‘बैजबॉल’ रवैये को जारी रखेंगे। मैकुलम ने कहा कि उन्हें अपने रवैये पर ‘कोई पछतावा नहीं’ है। बीबीसी स्पोर्ट ने मैकुलम के हवाले से कहा, ‘‘हम भारत को फिर से दबाव में लाने की कोशिश करेंगे। उम्मीद है कि सात या आठ दिनों में हम इस बारे में बात करेंगे कि निर्णायक मुकाबले में जाना कितना रोमांचक है।”

(एजेंसी)