Happy that IPL is the envy of the world, but need to save Test cricket Farokh Engineer

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लंदन: भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर (Farokh Engineer) को यह देख कर खुशी होती है कि दुनिया इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की अपार सफलता से ईर्ष्या करती है, लेकिन वह यह भी चाहते हैं कि खेल के हितधारक टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) को खतरे से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाएं। वित्तीय रूप से मजबूत भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट क्रिकेट के प्रति प्रतिबद्ध हैं लेकिन छोटे देशों के खिलाड़ी विश्व भर की फ्रेंचाइजी लीग में खेलने को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि वहां से उन्हें अच्छी कमाई होती है।

इंजीनियर ने पीटीआई से कहा,‘‘ टेस्ट क्रिकेट का खतरे में होना अच्छी बात नहीं है। यह अच्छा है कि टी20 के जरिए यह खेल विश्व भर में फैल रहा है लेकिन इसके लिए टेस्ट क्रिकेट को कुर्बान नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा,‘‘ इसलिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप दुनिया को यह दिखाती है कि टेस्ट क्रिकेट सीमित ओवरों के क्रिकेट जितना ही दिलचस्प हो सकता है।”

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल को देखने के लिए मैनचेस्टर से लंदन पहुंचे 85 वर्षीय इंजीनियर ने कहा,‘‘ यह शतरंज के खेल की तरह है जो परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसमें बल्लेबाजों की वास्तविक परीक्षा होती है। टेस्ट और सीमित ओवरों की क्रिकेट दोनों के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।” डब्ल्यूटीसी फाइनल उस ओवल में खेला जा रहा है जहां भारत ने 1971 में इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट मैच जीता था। इंजीनियर ने उस मैच की पहली पारी में 59 रन बनाकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने उन दिनों क्रिकेट खेली है जब क्रिकेटर एक दिन में 50 रुपए की कमाई करते थे। उन्हें खुशी है की आईपीएल में वर्तमान पीढ़ी के क्रिकेटर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं।

इंजीनियर ने कहा,‘‘ भारत टेस्ट क्रिकेट में आगे बढ़ गया है और सीमित ओवरों की क्रिकेट में हमारे पास आईपीएल है जिससे दुनिया ईर्ष्या करती है। क्रिकेट की बागडोर भारतीय क्रिकेट के हाथ में हैं और इससे मुझे बहुत खुशी होती है।” उन्होंने कहा,‘‘ मैं हर समय क्रिकेट देखता हूं। यह मेरे खून में है। क्रिकेट भारतीय खेल है जिसका गलती से ब्रिटेन में जन्म हुआ। क्रिकेट पहले भी काफी लोकप्रिय था लेकिन टी-20 से यह दुनिया के तमाम देशों में फैल रहा है। आईपीएल में मोटी धनराशि मिलती है। हमें पांच दिन के टेस्ट मैच खेलने के लिए प्रतिदिन 50 रुपए मिलते थे।” इंजीनियर ने इस अवसर पर एक रोचक किस्सा भी सुनाया।

उन्होंने कहा,‘‘मुझे याद है कि मैं सुनील गावस्कर के साथ बल्लेबाजी कर रहा था और हमें चौथे दिन के अंतिम आधे घंटे में 15 से 20 रन की जरूरत थी। हमें ड्रेसिंग रूम से संदेश मिल रहा था कि मैच आज खत्म नहीं करो क्योंकि इससे हमें पांचवें दिन के भत्ते का नुकसान होगा। हम पैसे के लिए नहीं खेलते थे। हम सम्मान के लिए खेलते थे।”(एजेंसी)