नई दिल्ली: आज जहां BCCI के मानद सचिव और एशियन क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष जय शाह (Jai Shah) ने स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) को एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। वहीं इस ख़ास मौके पर महिला और पुरुष खिलाड़ियों के समानता के पक्ष में भी अपने विचार रखे।इस बाबत आज उन्होंने कहा कि, “BCCI ने पुरुषों और महिलाओं के लिए वेतन में समानता की है। हमारे इस क्रांतिकारी फैसले के बाद, US ओपन टेनिस, इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड और ICC ने पुरुषों और महिलाओं के लिए वेतन में समानता की है।”
#WATCH | Jay Shah, Honorary Secretary BCCI and President Asian Cricket Council, congratulates Smriti Mandhana on winning the Asian Games gold medal pic.twitter.com/FZYoul9quE
— ANI (@ANI) September 28, 2023
टीम इंडिया को गोल्ड मेडल
जानकारी दें कि, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इस बार एशियन गेम्स 2023 के गोल्ड मेडल मैच में श्रीलंका को 19 रनों से मात देते हुए पदक जीता है। वहीं इस मैच में स्मृति मंधाना ने शानदार 46 रनों की पारी खेली थी।
BCCI का ऐतिहासिक फैसला
वहीं BCCI ने बीते 2022 को क्रिकेटरों के वेतन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था। जिसके तहत पुरुष और महिला खिलाड़ियों को एक समान मैच फीस दी जाएगी। इस बाबत BCCI ने अपने अनुबंधित भारतीय महिला क्रिकेटरों के लिए वेतन इक्विटी नीति (Pay Equity Policy) की घोषणा की थी।
#WATCH | BCCI Honorary Secretary Jay Shah says, “…BCCI did pay parity for men and women. After our decision, US Open Tennis, English Cricket Board and ICC did a pay parity for men and women” pic.twitter.com/Oa4TqtHcUo
— ANI (@ANI) September 28, 2023
वहीं अब BCCI की यह नई नीति के तहत अब पुरुष और महिला दोनों क्रिकेटरों के लिए मैच फीस (Indian Cricketers Monthly Salary) एक समान है। गौरतलब है कि, पुरुष और महिला दोनों क्रिकेटरों के लिए मैच फीस एक समान रखने के नियम को समानता के अधिकार के तहत एक शानदार कदम माना गया है।
पहले कम थी मैच फीस
बता दें कि, इससे पहले BCCI में मेन्स क्रिकेट टीम और वुमन टीम इंडिया के बीच काफी फर्क था। वहीं पहले भारतीय पुरुष क्रिकेट खिलाड़ियों को महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के मुकाबले में ज्यादा वेतन भी मिला करता था। लेकिन इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले के बाद पुरुष और महिला क्रिकेटरों को अब समान मैच फीस मिला करती है। जिसके चलते अब खेल में भेदभाव भी दूर करने में सफलता मिली है।