Bhupesh Baghel
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छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल बघेल सरकार ने राज्य में लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़ और रेप के आरोपियों को सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला किया है। ऐसे में अब इस मामले मे अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupendra Baghel) की घोषणा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने बिते सोमवार को आदेश जारी कर दिया है। आइए यहां जानते है पूरी खबर… 

महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला

इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सामान्य प्रशासन ने सभी विभागों, राजस्व मंडल के अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं।

‘इन’ लोगों को नहीं मिलेगी नौकरी 

जारी किये गए इस निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति के लिए ऐसे अभ्यर्थी जिनके विरुद्ध लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़, रेप आदि से संबंधित अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ, 509, 493, 496, 498 तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, 2012 के अंतर्गत मामले दर्ज हों, उन्हें शासकीय सेवाओं और पदों पर नियुक्ति के लिए मामले में अंतिम निर्णय तक प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

ऐसे ‘युवा’ नहीं होंगे पात्र 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि जारी निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के नियम 6 के उप-नियम (4) में प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसे महिलाओं के विरुद्ध किसी अपराध का दोषी ठहराया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा। ऐसे में यह 

महिलाओं के लिए महिला प्रकोष्ठ

लेकिन इसके अलावा आपको बता दें कि किसी उम्मीदवार के विरुद्ध न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हों तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम फैसला होने तक लंबित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशासनिक, व्यावहारिक और विधिक कई स्तरों पर तत्परता से काम किया है। राज्य के 547 थानों, चौकियों में महिला प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है, ताकि पीड़ित महिलाएं निःसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें। ऐसे में अब उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ के महिलाओं को इससे मद मीलेगी।