AAP MLA Amanatullah Khan Arrested by ED in Delhi Waqf Board Scam
आप MLA अमानतुल्लाह खान

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वक्फ बोर्ड नियुक्ति घोटाले में पीएमएलए के तहत आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने खान से करीब 9 घटने की पूछताछ की।

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नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (18 अप्रैल) को विधायक अमानतुल्लाह खान को वक्फ बोर्ड नियुक्ति घोटाले में पीएमएलए (PMLA) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने खान से करीब 9 घटने की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आप विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से पिछले सप्ताह इनकार कर दिया था, जिसके बाद अब उनसे यह पूछताछ हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक को पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।

अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती करने का आरोप है। साथ ही दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दिया है। इसके अलावा उन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के धन का भी दुरुपयोग करने का आरोप है।

अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर आम आमदी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा। आप सांसद संजय सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कहा, “मोदी सरकार ऑपरेशन लोटस पूरी तरह जुट गई है मंत्रियों विधायकों पर फर्जी मामले बनाकर उनको गिरफ़्तार किया जा रहा है। अमानतुल्लाह खान के विरुद्ध बेबुनियाद मामला बनाकर ईडी द्वारा उनको गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है। तानाशाही का अंत जल्द होगा। मैं उनके परिवार से मिलने जा रहा हूं।”

ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने पत्रकारों के सामने दावा किया कि जब वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे तो उन्होंने नियमों का पालन किया और कानूनी राय लेने के बाद और 2013 में आए नए अधिनियम (बोर्ड के लिए) के अनुसार कार्य किया। खान के खिलाफ धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से संबंधित है।

ईडी ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से बड़ी रकम नकद में अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उस रकम का निवेश किया। खान के परिसरों पर ईडी की छापेमारी भी हो चुकी है।

ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और खान की अध्यक्षता (2018-2022) के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर खान ने अवैध तरीके से लाभ कमाया। ईडी ने कहा कि खान ने उक्त आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया। इसमें कहा गया था कि छापे के दौरान कई अपराधिक सामग्री जब्त की गई, जो धन शोधन के मामले में खान की भूमिका का संकेत देती है।

आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया था कि यह जांच उन झूठे मामलों में से एक थी जो उसकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ दायर किए जा रहे थे।

पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल के अपने आदेश में खान को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था और विधायक द्वारा ईडी के समन में शामिल न होने पर नाराजगी जताई थी। पीठ ने उनके वकील से कहा “क्या हुआ है… बार-बार समन जारी किए गए और आप उपस्थित नहीं हुए। यह गलत है। हम इसे कैसे माफ कर सकते हैं?” पीठ ने उनके वकील से कहा। एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में आरोपपत्र दायर किया और खान के तीन कथित सहयोगियों- जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामित किया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)