Sunny Marwah

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    नयी दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले के आरोपी सनी मारवाह का बयान रिकॉर्ड किया गया है और उसने शराब ‘घोटाले’ से जुड़ी प्राथमिकी में नामजद किये गए लोगों के तौर-तरीकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा सोमवार को जारी एक कथित स्टिंग वीडियो में मारवाह के पिता को कथित रूप से कथित घोटाले के बारे में बातें करते हुए देखा गया।

    अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान सीबीआई ने मारवाह से कुछ ऐसे बिंदुओं पर पूछताछ की जो ‘स्टिंग ऑपरेशन’ के दौरान उनके पिता के बयान से सामने आए थे। भाजपा ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ का वीडियो जारी किया, जिसमें सनी मारवाह के पिता कुलविंदर मारवाह को दिल्ली में शराब बेचने का लाइसेंस हासिल करने के लिए कथित तौर पर कमीशन का भुगतान करने का दावा करते हुए दिखाया गया है।

    भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, “वीडियो से खुलासा हुआ कि लाभ का 80 प्रतिशत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनके दोस्तों को जाएगा। पहले आप हमें हमारा 80 प्रतिशत कमीशन दें और फिर 20 फीसदी जिसे बेच सकते हैं उसे बेच दें, हमें परवाह नहीं है। यह केजरीवाल की नीति रही है।”

    भाजपा के ‘स्टिंग ऑपरेशन’ के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई को उनके घर और उनके बैंक लॉकर में कुछ नहीं मिला और उसने उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे दी। उन्होंने कहा, “सीबीआई ने मुझे क्लीन चिट दे दी है क्योंकि उसे कुछ नहीं मिला। इसलिए भाजपा ये हथकंडा अपना रही है। यह स्टिंग ऑपरेशन नहीं है, यह सिर्फ एक मजाक है।”

    सीबीआई ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि आबकारी नीति मामले की जांच चल रही है और ‘‘किसी भी आरोपी को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है”। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मारवाह के महादेव लिकर्स को दिल्ली के लिए नई आबकारी नीति के तहत एल-1 लाइसेंस दिया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि दिवंगत शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा के स्वामित्व वाली फर्मों के बोर्ड में शामिल व्यवसायी मारवाह आरोपी लोक सेवकों के साथ निकट संपर्क में था और नियमित रूप से उन्हें रिश्वत देता था।

    सीबीआई ने मामले के अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की है, जिनमें गुरुग्राम में बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ अमित अरोड़ा शामिल हैं। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे आरोपी लोक सेवकों के लिए शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ को प्रबंधित करने और दूसरी जगहों पर लगाने में सक्रिय रूप से शामिल रहते थे।

    प्राथमिकी के मुताबिक दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को कथित तौर पर महेंद्रू से एक करोड़ रुपये मिले थे। आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के सहयोगी पांडे ने एक बार मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ के पूर्व सीईओ विजय नायर की ओर से महेंद्रू से लगभग दो से चार करोड़ रुपये की नकद राशि एकत्र की थी।