Delhi Assembly
दिल्ली विधानसभा (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के बजट सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित किए गए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सात विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय (High Court) का रुख किया है। इन विधायकों को बजट सत्र की शुरूआत में उप राज्यपाल (Deputy Governor) के अभिभाषण के दौरान बार-बार बाधा डालने के आरोप में निलंबित किया गया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए अनुरोध किया गया था। पीठ ने मामले की दिन में सुनवाई के लिए अनुमति दी। 15 फरवरी को जब उपराज्यपाल अपने अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाल रहे थे तो भाजपा विधायकों ने उनके अभिभाषण में कथित तौर पर कई बार बाधा डाली थी। 

वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा विधायकों का निलंबन गलत है, जिससे कार्यवाही में भाग लेने का उनका अधिकार प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव असंवैधानिक और नियमों के खिलाफ है। उन्होंने आगे कहा कि विधायकों को ज्यादा से ज्यादा तीन दिन के लिए निलंबित किया जा सकता है लेकिन यहां निलंबन अनिश्चितकालीन है। 

जिन सात सदस्यों को निलंबित किया गया उनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेई, जितेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं। बजट को अंतिम रूप देने में हुए विलंब के कारण दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र मार्च के पहले सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है। 

(एजेंसी)